रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में जिला प्रशासन के निर्देश के बाद जिले में 14 फरवरी से स्कूल खुल गया है। स्कूल खुलने के साथ ही स्कूल प्रबंधन की शिकायत सामने आने लगी है। जिले के निजी स्कूल फीस के लिए पालकों को नोटिस भेज रहा है।
फीस समय पर नहीं जमा करने पर छात्रों को परीक्षा से वंचित करने की बात कही जा रही है। स्कूलों की मनमानी की शिकायत पालकों ने विभागीय अधिकारियों से मौखिक रुप से की है। विभागीय अधिकारी मामले में अब संज्ञान लेने की बात कह रहे हैं।
परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिन स्कूलों की शिकायत पालकों से मौखिक रुप से मिली है, उसमें शंकर नगर, आमानाका, डीडीनगर, पंडरी, संतोषी नगर, गुढिय़ारी और पेंशनबाडा में इलाके में संचालित स्कूल शामिल हैं। विभागीय अधिकारी ने निजी स्कूलों को दो टूक निर्देश दिया है कि फीस के एवज में परीक्षार्थियों को परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है।
पालक गए एसोसिएशन की शरण में
स्कूल की मनमानी को लेकर पालकों ने विभागीय अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों को शिकायत दी है। पालकों की समस्या को देखते हुए एसोसिएशन ने मामलें में संज्ञान लेने और स्कूलों को निर्देश जारी करने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा, कि स्कूलों से अपील की जाएगी, कि फीस के चलते छात्रों को परीक्षा से वंचित नहीं किया जाए। जो भी समस्या है, वो पालकों से चर्चा करने के बाद समाधान को निकाल ले। एसोसिएशन ने पालकों से भी अपील की है, कि फीस समय पर स्कूलों में जमा कर दें, ताकि कोरोना काल में जूझ रहे स्कूल उबर सकें।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक नारायण बंजारा ने कहा कि स्कूल के किसी भी छात्र को परीक्षा में बैठने से वंचित नहीं कर सकते है। जिन स्कूलों की शिकायत आई है, वहां पर अधीनस्थ अधिकारियों को जांच करने के लिए कहा जाएगा। जांच रिपोर्ट सबमिट होने के बाद मामलें मेंआगे की कार्रवाई की जाएगी।
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