राजिम। त्रिवेणी संगम राजिम मेला का दृश्य अत्यंत सुहावना हो गया है। राजिम पुल से लेकर बेलाही घाट पुल व चौबेबांधा पुल तक लाइटों की रोशनी से जगमग दिख रहा है। आने वाले श्रध्दालुओं को तकलीफ न हो इस बात ध्यान रखते हुए मेला प्रशासन ने सड़कों पर लाइट लगाकर व्यस्थित कर दिया है।
दूसरी ओर नदी की रेत पर तकरीबन पांच किलोमीटर की दूरी तक अस्थयी शहर बसा हुआ है। प्रयाग नगरी के प्रथम दर्शन मामा-भांचा मंदिर से लेकर सीधे कुलेश्वरनाथ महादेव व लोमश ऋषि आश्रम के पिछला भाग से होते हुए नेहरू घाट नवापारा से अटल घाट राजिम तक अस्थायी रेत की सड़कें बनाई गई है। वाहनों के लिए पत्थर बिछाकर आवागमन को व्यस्थित किया गया है।
इस बार सड़कों की चौड़ाई 12 की जगह 15 फीट कर दी गई है। इससे श्रध्दालुओं को घूमने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। प्रदेश शासन की सोच व जिम्मेदार अधिकारियों की मेहनत स्पष्ट रूप से दिखायी दे रही है। मेला इस वर्ष पुरानी जगह लगा हुआ है। प्रतिदिन हजारों श्रध्दालु दर्शन भ्रमण के उपस्थित हो रहे हैं।