रायपुर। छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के आंकड़े चौंका देने वाले हैं। इस साल सड़क हादसों में 9 महीने में 4066 लोगों की मौत हो गई। इसमें मरने वालों में सबसे ज्यादा 20 से 35 साल के युवा हैं। रायपुर जिले में सबसे ज्यादा हादसे हुए, यहां 350 लोगों की मौत हो गई। शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में इन घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभारी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, बुधवार को पुलिस मुख्यालय में स्पेशल डीजी आरके विज ने सड़क दुर्घटनाओं और उसकी रोकथाम के लिए किए जाने वाले उपायों की समीक्षा की। एआईजी संजय शर्मा ने 9 महीने के आंकड़ों का विश्लेषण रखा। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं रायपुर में हुई हैं। इसके बाद बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और रायगढ़ शामिल हैं।
एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस के मुताबिक, खुले मौसम और क्षेत्र में सर्वाधिक दुर्घटनाएं घटित हुई हैं। फिर बादल, हल्की बारिश के मौसम में और वाहन से वाहन टकराने या सड़क किनारे किसी वस्तु से टकराने की वजह से अधिक दुर्घटनाएं हुईं। स्पेशल डीजी विज ने ओवर स्पीडिंग, गलत दिशा, नशे में वाहन चालन समेत बिना सीटबेल्ट-हेलमेट के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इस समय होती हैं ज्यादा घटनाएं
सबसे ज्यादा दोपहर तीन बजे से रात 9 बजे के बीच 47.11 फीसदी मौतें हुई हैं। वहीं अगर सड़क के लिहाज से देखें तो नेशनल हाइवे पर 28.57 प्रतिशत, स्टेट हाइवे पर 19.58 प्रतिशत और जिलों की प्रमुख सड़कों पर 51.83 प्रतिशत हादसों में वाहन सवारों की मौत हुई। इन दुर्घटनाओं में 69.34 प्रतिशत बाइक सवार, 13.05 प्रतिशत पैदल यात्री, 4.88 प्रतिशत कार-जीप सवार, 3.73 प्रतिशत ट्रैक्टर सवार और 3.31 प्रतिशत साइकिल सवारों की मौत हुई। अत्यधिक तेजी से वाहन चालन की वजह से 60.12 प्रतिशत, लापरवाही के कारण 12.42 प्रतिशत और नशा, गलत दिशा से वाहन चलाने, मोबाइल का प्रयोग, सड़क में मवेशी आदि वजहों से भी कई दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें लोगों की मौत हुईं।
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