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तालिबान ने महिलाओं को दी हिदायत, बुर्का जरुरी नहीं…लेकिन हिजाब जरूरी, पढ़ाई को लेकर कही अहम बात
तालिबान के शासनकाल में लड़कियों की पढ़ाई लिखाई बंद कर दी गई थी। साथ ही साथ महिलाओं को कामकाज करने या यात्रा करने से उन पर रोक दिया गया था। उन्हें खुले स्थानों पर सिर से लेकर पैर तक बुर्का ही पहनकर आना-जाना पढ़ता था।
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लेकिन अब तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अपना नियम-कानूनों को बदल रहा है। तालिबान ने कहा है कि अब महिलाओं के लिए बुर्का पहनना जरूरी नहीं होगा, लेकिन उन्हें हिजाब पहनना होगा। बता दे तालिबान के 1996-2001 के शासनकाल के दौरान लड़कियों की पढ़ाई लिखाई और महिलाओं को कामकाज करने या यात्रा से रोक लगा दिया गया था। साथ ही साथ वे किसी पुरुष के साथ के बिना अकेले बाहर कहीं आ जा नहीं सकती थीं।
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अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद अफगानिस्तान के शहरी इलाकों में बुर्के की बिक्री ने रफ़्तार पकड़ ली है। इसे लेकर बाजारों में मारामारी की स्थिति है। काबुल, कंधार, हेरात जैसे शहरों में महिलाएं बुर्का खरीद रही हैं। उनके मन में डर है कि तालिबान नई पाबंदियां लागू करेगा, जिसमें उनके लिए बिना चेहरा ढंके बाहर निकलना नामुमकिन होगा।
