गुप्तचर विशेषभारत

भारत के इस गांव में है जूते-चप्पल पहनने पर पाबंदी, जानिए इसके पीछे क्या है वजह…

आज के समय में हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी में जूते-चप्पल पहनना बहुत ही जरूरी हो गया है। यह हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है, किंतु क्या आप बिना जूते-चप्पल के रहने की कल्पना कर सकते हैं? शायद आप में से ज्यादातर लोग ऐसी कल्पना करना भी नहीं चाहेंगे। लेकिन हमारे भारत देश में एक ऐसा गांव भी है जहां जूते-चप्पल पहनने पर पूरी तरह से मनाही है।
READ MORE: पौधों में इन लक्षणों से समझें किन खनिज तत्वों की है कमी, फिर करें समाधान, होगी अच्छी पैदावार….
जी हां, हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु के मदुराई से 20 किलोमीटर दूर कलिमायन गांव के बारे में जहां लोग खुद तो जूते चप्पल नहीं पहनते साथ ही अपने बच्चों को भी चप्पल- जूते पहनने से मना करते हैं। अगर इस गांव में कोई गलती से भी जूते पहन लेता है तो उसे इस बात पर कठोर सजा दी जाती है।
READ MORE: ADR की रिपोर्ट: 2019-20 में राजनीतिक दलों को मिला 3400 करोड़ रुपये का चुनावी बांड, चार पार्टियों ने अर्जित किया 87 फीसदी फंड
Theguptchar
Theguptchar
जानिए क्यों चप्पल नहीं पहनते ये लोग
जानकारी के मुताबिक, इस गांव के लोग सदियों से अपाच्छी नाम के देवता की पूजा करते आ रहे हैं। उनका यह मानना है कि ये देवता उनकी रक्षा करते हैं। अपने इसी देवता के प्रति अपनी आस्था प्रकट करने के लिए गांव में जूते-चप्पल पहनने की मनाही है।
READ MORE: छत्तीसगढ़: खेतों में काम करने गई दो सगी बहनों की दम घुटने से हुई मौत, शरीर पर नहीं मिले कोई निशान, हत्या की आशंका, एक ही व्यक्ति से रचाया था ब्याह
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि सदियों से इस गांव के लोग इस अजब-गजब परंपरा को निभा रहे हैं। अब ऐसे में अगर कभी भी इस गांव के लोगों को बाहर जाने की जरूरत होती है तो गांव के लोग हाथ में चप्पल लेकर गांव की सीमा के बाहर जाते हैं और बाहर जाने के बाद ही उसे पहनते हैं। फिर जब वे वापस आते हैं तो गांव की सीमा से पहले ही वे जूता चप्पल उतार देते हैं। चूंकि यह उनकी श्रद्धा से जुड़ी हुई है ऐसे में यहां के लोग जूते -चप्पल पहनने के नाम पर कभी-कभी नाराज भी हो जाते हैं।

Related Articles

Back to top button