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केटीयू में ‘स्क्रिप्ट लेखन और स्टोरीटेलिंग’ पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ, फिल्म निर्देशक सतीश जैन और कुलपति महादेव कवरे ने किया उद्घाटन

रायपुर: कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (केटीयू) के जनसंचार विभाग द्वारा सोमवार को तीन दिवसीय “स्क्रिप्ट लेखन और स्टोरीटेलिंग” कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति महादेव कवरे और प्रसिद्ध फिल्म लेखक एवं निर्देशक सतीश जैन ने संयुक्त रूप से किया।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति महादेव कवरे ने कहा कि यह आयोजन विद्यार्थियों के रचनात्मक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “कहानी कहने की कला केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को दिशा देने का एक सशक्त माध्यम भी है।” उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस कार्यशाला से मिले अनुभव को अपने लेखन में आत्मसात करें और समाजोपयोगी कहानियाँ रचें।

मुख्य अतिथि सतीश जैन ने कहा कि एक सफल कहानी वही होती है जो दिल को छू जाए। उन्होंने कहा, “तकनीक भले ही आधुनिक हो गई हो, लेकिन एक कहानी को प्रभावशाली बनाने के लिए उसमें भावनात्मक गहराई और मानवीय संवेदनाएँ आवश्यक हैं।” उन्होंने लेखकों से भावनाओं की समझ विकसित करने का आह्वान किया।

कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ श्री राजकुमार दास ने भी विचार रखे। उन्होंने कहा कि किसी भी कहानी की आत्मा उसकी सादगी, सच्चाई और भावनाओं में निहित होती है। एक सफल कथाकार वही होता है जो जीवन और समाज की विविधताओं को समझकर उन्हें अपनी रचना में उतारे।

कार्यशाला के संयोजक एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र मोहंती ने बताया कि इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय सहित विभिन्न महाविद्यालयों—अग्रसेन महाविद्यालय, महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय, शासकीय दिग्विजय कॉलेज (राजनांदगांव), शासकीय महर्षि वाल्मीकि कॉलेज (भानुप्रतापपुर, कांकेर) आदि से 110 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि विभाग का उद्देश्य विद्यार्थियों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करना है। उद्घाटन सत्र के अंत में जनसंचार विभाग के अतिथि व्याख्याता गुलशन वर्मा ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

तकनीकी सत्र में कहानी कहने की बारीकियों पर गहन चर्चा
कार्यशाला के तकनीकी सत्र में “कहानी कहने की कला और विज्ञान” विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। इस सत्र में कथानक, चरित्र निर्माण, संवाद लेखन और प्लॉट स्ट्रक्चर जैसे विषयों पर गहन विश्लेषण किया गया। सत्र के अंत में एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई, जिसके माध्यम से प्रतिभागियों को पटकथा लेखन की प्रक्रिया को समझाया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, अतिथि व्याख्याता, शोधार्थी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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