गुप्तचर विशेषछत्तीसगढ़

वाह रे सिस्टम: दूसरों की जान बचाने वाली नर्सों की कोरोना से दर्दनाक मौतें, किसी को नही मिली अस्पताल में जगह तो किसी ने जान बचाने ब्लैक में खरीदी इंजेक्शन

कोरोना से अपनी जिंदगी हार रहे कोरोना वारियर्स

जांजगीर/बेमेतरा| छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी हैं| लगातार बढ़ते मामले को देखते जिलों में लॉकडाउन लगाया गया हैं, लेकिन सामने आ रहें कोरोना संक्रमितों व मृतकों का अकड़ा बेहद डरावना हैं| इसी दौरान कोरोना वॉरियर भी अपनी जिंदगी की जंग लगातार हार रहे हैं।

Read More#रिजाइनमोदी: सोशल मीडिया पर घंटो बाधित रहा PM मोदी के इस्तीफे से जुड़ा हैशटैग, मचा बवाल

दरअसल, जांजगीर में एक नर्स वैक्सीनेशन के दौरान संक्रमित हो गई ऑक्सीजन लेवल कम होने पर नर्स के परिजन ECTC (एक्सक्लूसिव कोविड ट्रीटमेंट सेंटर) ले गए, लेकिन वहां बेड ही नहीं मिला। मजबूरी में महुदा कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया।इस दौरान नर्स की तबीयत बिगडती जा रही थी, उन्हें 4 दिन बाद ECTC लेकर पहुंचे और इस बार बेड मिल गया पर सांसे टूट चुकी थीं।

Read More: कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर ने PPE किट उतार शेयर की तस्वीर, लोगों ने किया सलाम

25 दिन पहले लगा था कोरोना वैक्सीन

बलौदा ब्लॉक के देवरहा पिसौद गांव निवासी नर्स द्रोपदी तिवारी (61) ग्राम जर्वे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थीं। उनकी ड्यूटी विभाग की ओर से वैक्सीनेशन में लगी थी। हेल्थ वर्कर होने के कारण वैक्सीन की एक डोज उन्हें 25 दिन पहले लग चुकी थी दूसरी डोज उन्होंने नहीं लगवाई थी। इस दौरान सेंटर में आने वालों को वैक्सीनेशन कर रही थीं। इसी बीच उनकी तबीयत बिगड़ी थी|

Read Moreधोखाधड़ी: महिला को ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर अग्निशमन यंत्र बेचा, पुलिस ने लिया एक्शन

BPM पार्थ ने बताया की नर्स द्रौपदी तिवारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 22-23 अप्रैल से वे होम आइसोलेशन में थीं। इस बीच तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए ECTC लेकर आए, लेकिन बेड खाली नहीं होने के कारण भर्ती नहीं किया जा सका।इसके बाद उन्हें फिर से महुदा के कोविड केयर सेंटर भेज दिया गया। वहां उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद 26 अप्रैल को फिर ECTC भेजा गया, लेकिन वहां पर उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

बेमेतरा में भी कोरोना संक्रमित एक नर्स की मौत

बेमेतरा जिले में कोरोना संक्रमित एक नर्स की मौत हो गई नर्स के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि आठ महीने की गर्भवती होने बाद भी दुलारी की ड्यूटी कोरोना मरीजों को देखने में लगा दी गई।उन्हें मातृत्व अवकाश भी नहीं दिया गया।

Read More:रेसिपी : घर पर बनाएं ढाबे जैसे स्वादिस्ट आलू परांठे

बात दें, मृतक नर्स (ANM) का नाम दुलारी ढीमर था। वह परपोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ANM के रूप में पदस्थ थी।नर्स की 3 साल की एक बच्ची भी है वहीँ वो आठ माह से गर्भवती थी।
ड्यूटी के दौरान हुई संक्रमित

Read More: गुप्तचर ब्रेकिंग : छत्तीसगढ़ के इस जेल में फुटा कोरोना बम, 21 कैदी संक्रमित… मचा हडकंप

मिली जानकारी के अनुसार नर्स की ड्यूटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परपोड़ी में थी, वह 17 अप्रैल को संक्रमित हो गई थी| ठीक एक दिन बाद बुखार आने पर उन्हें बेमेतरा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गर्भवती होने के कारण वहां दो दिन में ही उसकी हालत बिगड़ने लगी। डाक्टरों ने परिवार वालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन का इंतजाम करने को कहा।

Read More: केंद्र ने जारी की नई गाइडलाइन: पूरे देश में सख्ती से होगा लागू, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को दिए गए ये निर्देश

परिवार वालों ने बड़ी मुश्किल से रेमडेसिविर के दो डोज ब्लैक में 15-15 हजार रुपए में लिए। इंजेक्शन लगने के दो दिन बाद हालत खराब होने लगी। उसे रायपुर AIIMS रेफर कर दिया गया, लेकिन यहां भी वेंटिलेटर नहीं था। दो दिन इंतजार करने के बाद बेड मिला। 24 अप्रैल को सुबह 7 बजे AIIMS के लिए रेफर कर दिया गया था, लेकिन 108 एंबुलेंस को आते-आते 4 घंटे लग गए। रायपुर AIIMS पहुंचने में 1 बज गए। इलाज शुरू हुआ, लेकिन शाम 5 बजे दुलारी का निधन हो गया।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button