जगदलपुर। क्या आपने किसी ऐसे शिवलिंग के बारे में सुना है जिसकी लंबाई निरंतर बढ़ती ही जा रही है नहीं ना? तो पढ़िए ये खबर…….
आप आज तक कई शिव मंदिरों में गए होंगे और पूजा भी की होगी पर क्या आपने ऐसे किसी शिवलिंग के बारे में सुना है जिसकी लंबाई का कोई अंत ही ना हो? जी हां ऐसा ही एक शिवलिंग छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से 10 किलोमीटर दूर रामपाल नामक गांव में स्थित है। ग्रामीणों द्वारा बताया जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान की थी जिसे लिंगेश्वर शिवलिंग के नाम से जाना जाता है इस तथ्य की पुष्टि दिल्ली के श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा की गई है।
कई मान्यताओं से जुड़ा हुआ है मंदिर
यहां स्थित लिंगेश्वर शिवलिंग को लेकर ग्रामीणों से कई कविदंतियो और मान्यताओं का पता चलता है उनके अनुसार इस शिवलिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने अपने हाथों से की थी। पूरा गांव भगवान शिव व राम जी की पूजा करता है। यहां के पुजारी अर्जुन सिंह ठाकुर से पता चला कि उनके पूर्वज करीब डेढ़ सौ सालों से इस शिवलिंग की पूजा करते हुए आए हैं। ग्रामीणों और आसपास के लोगों के मन में इस शिवलिंग को लेकर काफी श्रद्धा का भाव है। आगे उन्होंने बताया कि यह शिवलिंग जमीन की खुदाई से प्राप्त हुआ है तथा जमीन के अंदर इसका कोई अंत नहीं मिला।
मंदिर से मिली 1860 की घंटी का रहस्य
दरअसल जब मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए परिसर की खुदाई की गई तो यहां कुछ पुराने ईट पत्थरों के साथ एक 1860 की घंटी भी मिली जिस पर लंदन लिखा हुआ नजर आता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार यह घंटी को ब्रिटिश शासन के राज्यपाल ने मंदिर में चढ़ाया था। वहीं, बात करें यहां प्राप्त हुए पुराने ईंट पत्थरों की तो ये बहुत प्राचीन बताए जा रहे हैं। शोध ने तो यह पुष्टि कर ही दी है कि इस मंदिर में स्थापित लिंगेश्वर शिवलिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी और तब से ठाकुर परिवार द्वारा इसकी पूजा की जा रही है।
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