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BREAKING: उत्तराखंड में बारिश का कहर, 38 लोगों की मौत, केरल में भी ‘जल प्रलय’, देखें खौफनाक मंजर

DEHRADUN: उत्तराखंड में लगातार बारिश के कारण लगभग 38 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से सबसे ज्यादा हताहत नैनीताल जिले से हैं। उत्तराखंड में आज लगातार तीसरे दिन भारी बारिश से कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई, नैनीताल जिले में ही 25 लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों को कई और लोगों की जान जाने की आशंका है, जो मलबे के नीचे और बाढ़ वाले इलाकों में फंसे हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की, “प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। मकान, पुल आदि क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बचाव कार्यों के लिए तीन (सेना) हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे।” नैनी झील का पानी सड़कों और घरों तक पहुंचा, पहले नहीं देखा होगा ऐसा नजारा नैनीताल में तो ऐसा नजारा देखने को मिला कि पहले कभी नहीं देखा होगा।

मंगलवार को उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा की, “रामनगर-रानीखेत मार्ग पर स्थित लेमन ट्री रिज़ॉर्ट में लगभग 200 लोग फंस गए थे। वे सभी सुरक्षित हैं और उन्हें बचाने की प्रक्रिया जारी है। कोसी नदी का पानी रिजॉर्ट में घुस गया। नदी ओवरफ्लो हो गई, जिससे रिसॉर्ट का रास्ता अवरुद्ध हो गया।” मौसम विभाग के मुताबिक 18 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच कुमाऊं क्षेत्र में इतिहास की सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गयी है।

उत्तराखंड में रिकॉर्ड बारिश
पिछले 24 घंटों में मंगलवार सुबह तक, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, उधम सिंह नगर, चंपावत और उत्तरकाशी जिलों के कई निगरानी स्टेशनों में 200 मिमी से अधिक की अत्यधिक भारी वर्षा दर्ज की गई है। चमोली के बद्रीनाथ और उत्तरकाशी के गंगोत्री में अधिकतम 600+ मिमी बारिश दर्ज की गई है।

केरल में भी बारिश का कहर 
केरल में बारिश के चलते तबाही का मंजर देखा गया। यहां 12 से 18 अक्टूबर के बीच बाढ़ और भूस्खलन में 38 लोगों की जान गई है, जबकि 90 घर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। 702 घरों को भी क्षति पहुंची है। एक और कम दबाव का तंत्र उत्तरी आंध्र प्रदेश के तट और दक्षिण ओडिशा में उत्पन्न हुआ। इन दोनों के मिलने से दक्षिण-पश्चिमी हवाओं को मजबूती मिली, जिससे मध्य और दक्षिण केरल में अत्यधिक बारिश देखने को मिली।

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