वास्तु शास्त्र के मुताबिक, कई दवाइयों के बॉक्स और दवाइयों के कारण भी वास्तु दोष उत्पन्न होता है, ऐसा इसलिए है क्योंकि हर दवाई में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा होती जो कि आपके स्वास्थ्य पर अच्छा और बुरा दोनों तरह के असर डालती है। हम सभी जानते हैं कि मरीज़ को स्वस्थ्य करने में दवाइयाँ एक अहम भूमिका निभाते हैं।
अगर आप शीघ्र स्वास्थ्य लाभ चाहते हैं तो इन्हें वास्तु के अनुरूप सही दिशा में रखें ऐसा करने से ये बहुत बेहतर परिणाम देती हैं। लेकिन कई बार हम गलत दिशा में रखी हुई दवाईयों का सेवन करते हैं जो देर से असर करता है। परिणामस्वरूप धीरे-धीरे आप दवाओं पर ही निर्भर होने लगते हैं। अगर आप बीमारी को दूर कर बहुत जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं ,तो अपने घर में वास्तु के अनुसार दवाओं को रखें, यह बहुत लाभदायक सिद्ध होगा।
आपको बता दें कि उत्तर-उत्तर-पूर्व क्षेत्र में दवाइयां रखना सबसे अच्छा माना जाता है, जब इस क्षेत्र में इन दवाइयों को रखा जाता है तो ये बहुत ही लाभकारी हो जाता हैं और लोगों को रोगों से बहुत जल्द छुटकारा मिल जाता है। पूर्व दिशा को आरोग्य के देवता सूर्य की दिशा मानी जातीहै, कहते हैं इस दिशा में दवाई रखने से तुरंत लाभ मिलता है। इसके अलावा, उत्तर दिशा में दवाइयों को रखा जा सकता है। भले ही उत्तर-पूर्व में दवाई रखने को अच्छा माना गया है लेकिन ध्यान रहे कि पूजा स्थान या देवी-देवताओं के समीप दवाईयों को कभी भी न रखें। कारण यह है कि ऐसा करने से यह आपके लिए हमेशा प्रयोग में आने वाली चीज बन जाएगी।
वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा में सिर्फ गृह स्वामी की ही दवाई रखी जा सकती है। अगर परिवार के अन्य सदस्यों की दवाइयां इस दिशा में रखी जाएगी तो ये सकारात्मक परिणाम नहीं देंगी। एक और बात,पश्चिम दिशा में दवाई रखने से भी शरीर में पॉजिटिव असर दिखाई देता है। अगर आपकी बीमारी ठीक हो चुकी होती है और दवाई बच जाती हैं तो आपको ऐसी दवाइयों को डिब्बे में डालकर उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर रख देना चाहिए। कहते हैं ऐसा करने से बीमारी हमेशा के लिए खत्म हो जाती है।
कभी भी अपने घर की रसोई में दवाएं नहीं रखनी चाहिए, वास्तु के मुताबिक ऐसा करने से आपके घर में रहने वाले सदस्यों के स्वास्थ्य में समस्याएं आ सकती है।
कभी भी अगर दक्षिण-पूर्व दिशा में दवाइयां रखी हुई होती हैं तो इनका असर कम हो जाता है और नियमित तौर पर लेते रहने से भी मरीज को अपनी बीमारी को ठीक करने के लिए लंबे समय तक अधिक मात्रा में दवाइयों का सेवन करना पड़ सकता है।
अगर आप घर की दक्षिण दिशा में दवाइयां रखते हैं तो घर पर रहने वाले सदस्य छोटी-छोटी बीमारियों में भी दवाइयां लेने लगेंगे।
वहीं दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र को अपव्यय एवं विसर्जन का क्षेत्र माना जाता है और यही वजह है कि इस दिशा में रखी दवाइयां अपना असर नहीं दिखाती हैं। तो इस दिशा में इन्हें रखने से सदैव ही बचना चाहिए।
वास्तु के मुताबिक, उत्तर पश्चिम दिशा को सहयोग की दिशा मानी जाती है। उत्तर-पश्चिम में दवाइयां रखने से इनका सेवन करने वाले व्यक्ति को इनकी इस हद तक आदत लग जाती है कि वे इनके बिना नहीं रह सकते।
अगर आपको दवाइयों के नकारात्मक प्रभाव से बचना है तो अपने कभी भी इन्हे पलंग के सिरहाने एवं साइड टेबल पर नहीं रखें। शीघ्र लाभ चाहते हैं तो दवाई को उपयोग में लाने के बाद बंद अलमारी या दराज में रख दें।