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गंदगी के बीच अपमान झेल रहा विजयंत टैंक, 1971 भारत-पाक युद्ध का असली हीरो, ‘बेवकूफों’ ने बदली तस्वीर

भारतीय सेना आजकल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की स्वर्णिम विजय वर्ष सेलिब्रेट कर रही है। 13 अक्टूबर को इस कार्यक्रम के अंतर्गत सुनहरी मशाल रायपुर पहुंची। प्रदेश की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने सेना के वीरों को नमन किया और मशाल का स्वागत किया।लेकिन पिछले कई महीनों से 1971 के उस युद्ध में शामिल एक असली हीरो को रायपुर में अपमान झेलना पड़ रहा था। यह असली हीरो उस युद्ध में शामिल विजयंत टैंक है।
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साल 2014 में रायपुर के जीई रोड स्थित अनुपम गार्डन के पास युवाओं में सेना के प्रति सम्मान का भाव जगाने के लिए पूरे सम्मान के साथ इस टैंक को यहां स्थापित किया गया था। किंतु रखरखाव के अभाव की वजह से इसे गंदगी और झाड़ियों ने घेर लिया था। इसके आसपास कुछ लोग शराब पीने से भी नहीं चूके और अपनी बोतलें यही फेंक दी। वहीं, रायपुर के कुछ ‘बेवकूफ’ लोगों को असली हीरो का यह अपमान बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। उन्होंने असली हीरो की सूरत ही बदल डाली।
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आखिर कौन हैं सफाई करने वाले ‘बेवकूफ’
जानकारी के अनुसार, यूथ्स के एक ग्रुप का नाम है ‘बंच ऑफ फूल्स’ मतलब बेवकूफों का एक समूह। ये अपने आप को इस वजह से बेवकूफ कहते हैं क्योंकि किसी की परवाह किए बगैर ही ये सफाई को अपनी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बना चुके हैं। कोई कितनी भी गंदगी करें यह पूरी ईमानदारी से जगहों की सफाई करने के लिए काफी मशहूर हैं। इसी कड़ी में बंच ऑफ फूल्स की टीम विजयंत टैंक के पास पहुंची। उन्होंने रायपुर नगर निगम की मदद से यहां उग आई झाड़ियों और गंदगी को साफ कर दिया।
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समूह के सतीश भुवालका ने बताया कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर ही शहर की सफाई शुरू की गई। इसमें धीरे-धीरे युवा जुड़ते गए। टीम गंदे स्थानों की सफाई करने के बाद अपने खर्चे पर शानदार पेंटिंग बनाकर उस जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाती है। प्रत्येक रविवार को टीम सफाई के लिए किसी गंदी जगह का चुनाव करती है। बीते कुछ सालों में बंच ऑफ फूल्स की टीम 300 से अधिक जगहों पर इसी तरह सफाई का कार्य कर चुकी है।
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जानिए विजयंत टैंक की क्या है खासियत
विजयंत टैंक ने 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान दुश्मनों के आधुनिक टैंकों पर विजय हासिल की थी। विजयंत टैंक इंडियन आर्मी में शामिल होने वाला पहला मेड इन इंडिया टैंक था। युद्ध में इस टैंक ने पाकिस्तानी आधुनिक पैटन टैंक की धज्जियां उड़ा दी थीं। यह टैंक भारतीय सेना से 2001 में रिटायर हुआ था।
ये हैं टैंक की खूबियां
लंबाई: 7.78 मीटर
ऊंचाई: 2.71 मीटर
कवच: 3 इंच मोटी चादर
रेंज: 530 किलोमीटर
स्पीड : 50 किलोमीटर प्रति घंटा
बैठने की क्षमता: 4 लोग

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