छत्तीसगढ़

पेयजल निस्तारी को तरस रहे ग्रामीण, जिम्मेदारो की लापरवाही बनी आम नागरिकों की परेशानी… मांग के बावजूद नहीं छोड़ा जा रहा नहर में पानी

गरियाबंद| गरियाबंद क्षेत्र में इन दिनों पेयजल और निस्तारी के पानी के लिए आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपना स्वार्थ और फायदे के लिए आम नागरिकों की फरियाद को जानबूझकर अनसुना कर रहे है।नतीजन पेयजल और निस्तारी की समस्या विकराल रूप धारण कर रहे है।

आपको बता दे, की पांडुका  से लेकर फिंगेश्वर तक के हर एक गांव पेयजल संकट और निस्तारी की समस्या से जूझ रहा है।तो वहीं दूसरी ओर नहर लाइनिंग का काम भी चल रहा है लेकिन विभाग के अधिकारी निर्माण कार्य पर ज्यादा ध्यान दे रहे है।जबकि पानी के लिए तरस रहे आम नागरिकों की समस्याओं से इन्हें कोई सरोकार नहीं है।

गर्मी के वजह से जल स्तर नीचे गिर चुका है और तालाब सूखने लगे है।ऐसे में जब लोग निस्तारी के लिए नहर मे पानी छोड़ने की मांग हो रहा तो विभाग के अधिकारी कमिशन के चक्कर में आम नागरिकों के हितों से ज्यादा काम पर ध्यान दे रहे है।

जिससे ग्रामीणों को पेयजल के लिए घंटों मस्ककत करना पड़ रहा है ।कुछ ऐसे ही तस्वीर छुरा ब्लाॅक के ग्राम पंचायत रजनकटा के आश्रित ग्राम खट्टी वाह ग्राम पंचायत अतरमरा सहित दो दर्जन से अधिक गांवों में देखने को मिल रहा है।जंहा गांव की महिलाएं बर्तन लेकर घंटो पेयजल के लिए कतार लगाकर इंतजार कर रही है।लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की पेयजल व निस्तारी के पानी के लिए तरस रहे आम नागरिकों के प्रति कोई सुध नहीं है।

गौरतलब है कि जलसंसाधन विभाग गरियाबंद अन्तर्गत पांडूका व फिंगेश्वर सब डिवीजन में  अरबों रुपए की लागत से नहर लायनिग का स्वीकृत हुआ है जो कछुवा गति से काम चल रहा है।एक तरफ न तो निर्माण कार्य ठीक से चल पा रह गति से काम चल रहा है।

एक तरफ न तो निर्माण कार्य ठीक से चल पा रहा है तो दूसरी ओर आम नागरिकों लगातार निस्तारी के लिए पैरी नहर में पानी छोड़ने की मांग के बावजूद भी अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया है जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदार को संरक्षण देकर अपना कमिशन मोटी तौर पर कमाने में लगे हुए है।

वहीँ नहर लाइनिंग कार्य में भारी भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है।ओहदे पदों पर बैठे जिम्मेदारो की वजह से क्षेत्र के आम नागरिक पेयजल व निस्तारी के लिए  भुगतने मजबुर है। इस मामले को लेकर जलसंसाधन विभाग गरियाबंद के कार्यपालन अभियंता पी.के.आनंद से फोन पर संपर्क करने पर स्वास्थ खराब होने की हवाला देकर पल्ला झाड़ दिया|

वही इस बारे में पांडुका एसडीओ जल संसाधन यूं एस ध्रुव से बात करने पर बताया कि जहां-जहां नाहर लाइनिंग का काम चल रहा है वहां वहां पानी छोड़ना भी संभव नहीं है क्योंकि नाहर लाइनिंग के कार्यों को देखना है|

जहां संभव है वहां के सरपंचों को बता दिया गया है पर किसान पहले अपने खेत में पानी पहुंचा रहा है| उसके बाद तालाब तक जा रहे हैं सरपंच को जानकारी दे दी गई है  पानी की व्यवस्था कैसे ले जाएंगे अपने हिसाब से ले जाए।

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