पीआरएसआई, रायपुर चैप्टर द्वारा जनसंपर्क दिवस पर वेबिनार आयोजित
रायपुर। पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया रायपुर चैप्टर द्वारा गुरुवार को जनसंपर्क दिवस के अवसर पर “विश्वास बढ़ाए: जनसंपर्क का युग” विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के विज्ञापन और जनसंपर्क विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) पवित्र श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के सरकारी क्षेत्रों में जनसंपर्क को 1923 में सौ वर्ष हो जायेंगे। भारत में दो दशकों से जनसंपर्क के क्षेत्र में विस्तार हो रहा है, जिसमें नये पैराडाइम की शुरुआत हो रही है। जिसमें विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है, जिसे उन्होंने दो उदाहरणों से स्पष्ट किया। कोई भी क्षेत्र तब ही आगे बढ़ता हैै, जब उसमें पारदर्शिता से अपनी बात को रखा जाये। तभी उस क्षेत्र में लोगों का विश्वास बढ़ता है। जनसंपर्क को मजबूत करने में विश्वास ही सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, जो लोकतंत्र को भी मजबूती देता है और उसे आगे बढ़ाने में सहायक होता है। विश्वास जनसंपर्क का महत्वपूर्ण उपकरण है।
आज के युग में जनसंपर्क ने कई उपकरणों को अपने में समाहित किया है, उसमें डिजिटल जनसंपर्क आने वाले समय का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है, जो धीरे-धीरे पारंपरिक जनसंपर्क से विभिन्न डिजिटल जनसंपर्क की ओर बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में मल्टी चैक का साधन मौजूद रहता है, जो सूचना, जानकारी को पारदर्शिता प्रदान करता है, इससे लोगों में विश्वास बढ़ता है। वहीं आने वाले समय में जनसंपर्क में यूट्यूब जैसा माध्यम एक सशक्त उपकरण के रूप मे उभर रहा है। विभिन्न विधाओं में हर कोई अपने समाधान के लिए डिजिटल जनसंपर्क को सशक्त माध्यम के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जनसंपर्क अधिकारी एवं नोडल ऑफिसर राम वन गमन पर्यटन परिपथ प्रोजेक्ट, छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड, रायपुर की डॉ. अनुराधा दूबे ने कहा कि आपस में विश्वास न हो तो हम एक भी कदम आगे नहीं बढ़ सकते हैं। जब हम किसी व्यक्ति से पहली बार मिलते हैं तो उससे मिलने के लिए विश्वास ही सबसे महत्वपूर्ण तत्व होता है, जो हमें उससे मिलने का मौका देता है। उसी तरह समाज का ताना-बाना भी विश्वास पर ही पैदा होता है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आगे कहा कि जनसंपर्क अधिकारी होने के नाते हमें मीडिया से हर वक्त मुलाकात करनी होती है और यह हमेशा ध्यान रखना पड़ता है कि हम मीडिया के साथ जो सूचना दे रहे हैं, वह सही रहे। इसके अलावा भी हम ऑफ द रिकॉर्ड बातें करते हैं। जिसके पीछे केवल विश्वास ही काम करता है।
आज के युग में डिजिटल ने जनसंपर्क के क्षेत्र को बृहद किया है। जो लोगों की बौद्धिक संपदा को और भी समृद्ध कर रहा है। जिससे समाज लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रयत्नशील है। समाज में जो रूढ़िवादी परंपरा और विकृतियां उत्पन्न हुई हैं उससे निजात पाते हुए, समाज को समृद्ध बनाना है तो हमें संस्कार, परंपरा, संस्कृति को साथ में लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में कई विद्यार्थियों ने सवाल भी पूछे जिसका समाधान मुख्य वक्ता ने दिये।
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए पीआरएसआई, रायपुर चैप्टर के चेयरमैन डॉ. शाहिद अली ने कहा कि जनसंपर्क को सिर्फ जनसंपर्क के दायरे में बांधना ठीक नहीं है बल्कि यह युग जनसंपर्क से अधिक जनसंबंध बांधने का युग है। जनसंपर्क विभिन्न संगठनों के प्रति लोगों के मन में विश्वास अर्जित करने का काम करता है। किसी भी व्यक्ति या संगठन के लिए सकारात्मक छवि निर्माण और सेतु का काम भी करता है। जिससे समाज परिष्कृत व उत्तरोत्तर गति से आगे बढ़ता है। इन तमाम बातों के बीच आज जनसंपर्क एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभरा है। अंत में पीआरएसआई, रायपुर चैप्टर की सदस्य डॉ. अदिति नामदेव ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी अतिथि वक्ताओं तथा सहभागियों का आभार व्यक्त किया। आयोजन में काफी संख्या में देशभर के प्रोफेसर, विद्यार्थी, शोधार्थी एवं शिक्षक अादि ने हिस्सा लिया।