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नशे के रूप में हो रहा ‘कंडोम’ का इस्तेमाल, अचानक बढ़ी डिमांड से चिंता में प्रशासन…

आमतौर पर कंडोम (Condoms) का उपयोग सुरक्षित यौन संबंधों के लिए किया जाता है, किन्तु पश्चिम बंगाल (West Bengal) से इसी कंडोम (Condoms) के जरिए नशा करने का मामला प्रकाश में आया है। अचानक से कंडोम (Condoms) की डिमांड में हुई वृद्धि ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है।

आलम ये है कि दुर्गापुर शहर में मेडिकल स्टोर्स पर कंडोम आते ही बिक जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दुर्गापुर जिले के सिटी सेंटर, बेनाचिती, मुचिपारा, बिधाननगर, सी जोन, ए  जोन स्थित मेडिकल स्टोर्स से कुछ लोग धड़ल्ले से फ्लेवर्ड कंडोम खरीद रहे हैं। जब एक दुकानदार ने इस संबंध में जानने का प्रयास किया, तो पता चला कि नशे के लिए कंडोम का उपयोग किया जा रहा है। दुकानदारों का कहना है कि पहले रोज़ सिर्फ 3-4 कंडोम ही बिकते थे, किन्तु अब तो स्टॉक आते ही ख़त्म होने लगा है।

कैसे होता है कंडोम से नशा:-

बता दें कि, थिनर, व्हाइटनर की तरह ही कंडोम से नशा करने की एक अलग प्रक्रिया है। इसको लेकर दुर्गापुर मंडल में काम करने वाले धीमान मंडल का कहना है कि कंडोम में कुछ महकने वाले यौगिक पाए जाते हैं, किन्तु जब एल्कोहल तैयार करने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है तो ये टूट जाता है। इसके इस्तेमाल से नशा जैसा महसूस होता है। ये लोगों को लती बनाने के लिए पर्याप्त हैं। धीमान के अनुसार, डेंड्राइट में भी यही सुगन्धित पदार्थ पाया जाता है, इसलिए कई लोग उसका भी नशे के रूप में इस्तेमाल करते हैं।

दुर्गापुर RE मेडिकल कॉलेज स्कूल के केमिस्ट्री विभाग के शिक्षक नूरुल हक के अनुसार, कंडोम को गर्म पानी में लंबे समय तक भिगोकर रखने से इसमें मौजूद कार्बनिक अणु अल्कोहल यौगिक के रूप में टूट जाते हैं। इसी से नशा होता है। बता दें कि इसी प्रकार का एक मामला नाइजीरिया से भी सामने आया था, जहाँ अचानक टूथपेस्ट और जूते की डिमांड 6 गुणा बढ़ गई थी। इसका इस्तेमाल भी नशे के लिए होने लगा था। फ़िलहाल, बंगाल प्रशासन के लिए कंडोम से नशा किए जाने का मामला चिंता का सबब बना हुआ है।

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