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World Youth Skills Day: विश्व युवा कौशल दिवस आज, जानें इतिहास, थीम और इसका महत्व

आज के दिन की खासियत यह है कि इसे युवाओं के कौशल को बढ़ावा देने के लिए चुना गया। नवंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में घोषित किया। इसे पहली बार साल 2015 में मनाया गया। यह दिन वर्तमान और भविष्य की वैश्विक चुनौतियों से निपटने में कुशल युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है।
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विश्व युवा कौशल दिवस का महत्व
युवा समाज की रीड की हड्डी की तरह होते हैं। परिवार की जिम्मेदारी युवाओं पर होती है। पिछड़े हुए देशों और विकासशील देशों में तादाद में युवा बेरोजगार देखे गए हैं जो एक चिंता का विषय है। साथ ही बेरोजगारी के चलते वो अपनी क्षमता से कम स्किल वाले कार्य करते। इसी के चलते इस दिन को कुशल युवाओं के नाम संबोधित किया गया।
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 स्किल इंडिया मिशन
2015 में इसी दिन प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) की भी शुरुआत की गई थी। स्किल इंडिया मिशन इसी योजना का संशोधित किया व सुधारा हुआ रूप है। यह योजना केंद्र सरकार की एक पहल है जिसे युवा कौशल को सशक्त बनाने और उन्हें अपने काम में अधिक उत्पादक बनाने के लिए शुरू किया गया था। योजना का मकसद ऐसे लोगों को रोजगार देना है जो कम पढ़े-लिखे हैं या बीच में स्कूल छोड़ देते हैं।
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2021 का थीम
विश्व युवा कौशल दिवस 2021 का थीम “रीमेजिनिंग यूथ स्किल्स पोस्ट पैंडेमिक” है। इस वर्ष, विश्व युवा कौशल दिवस एक बार फिर से चल रहे कोरोना महामारी के बीच होगा। यह थीम कोरोना महामारी के बाद युवाओं की कुशलता की ओर संकेत करता है। युवा बेरोजगारी बढ़ रही है जो अविकसित, विकासशील और विकसित देशों के लिए समान रूप से आज की कोरोना काल में अर्थव्यवस्थाओं और समाजों के सामने सबसे महत्वपूर्ण समस्या है। 15-24 आयु वर्ग के युवा दूसरे आयु वर्ग की तुलना में COVID-19 संकट से और भी अधिक प्रभावित हुए हैं। वैश्विक स्तर पर, अधिक आयु के वर्ग के लिए 3.7 प्रतिशत की तुलना में 2020 में युवा रोजगार में 8.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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बात अगर अपने देश की करें तो भारत युवाओं का देश है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में करीब 46 कोरोड़ जनसंख्या युवाओं की है। फिलहाल कोरोना के चलते स्किल इंडिया मिशन भी बंद है। 

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महत्वपूर्ण तथ्य
• पूरी दुनिया में पांच में से एक व्यक्ति NEET (Not in Education, Employment and Training) है। NEET का मतलब ऐसे युवाएं जिनकी पढ़ाई अधूरी रह गई हो, बेरोजगार हो या जिनको ट्रेनिंग में प्लेसमेंट नही मिली।
• चार में से तीन NEET महिला है।
• 1997 और 2017 के बीच, युवा जनसंख्या में 13.9 करोड़ की वृद्धि हुई और युवा श्रम बल की जनसंख्या में 5.87 करोड़ की कमी आई।
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• वर्तमान संकट से पहले, युवा लोगों के बेरोजगार होने की संभावना वयस्कों (25 वर्ष और उससे अधिक) की तुलना में 3 गुना अधिक थी। कोरोना महामारी के कारण, वर्तमान में 6 में से 1 से ज्यादा युवा बेरोजगार है।
कोरोना संकट से परे देखना और ठीक होना आवश्यक है। 2021 और 2030 के बीच युवा आबादी 7.8 करोड़ से अधिक बढ़ेगी। शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणालियों को इस चुनौती का जवाब देने की आवश्यकता है।

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