गुप्तचर विशेष
योगिता ने बुलंद हौसले से मुसीबतों को रौंदा, पढ़िए देश की पहली महिला ट्रक ड्राइवर की प्रेरणादायक कहानी…
ट्रक चलाना जोखिमों से भरा एक काम होता है क्योंकि काम का वातावरण कुछ खास आरामदायक नहीं होता। एक ट्रक ड्राइवर को अक्सर घंटों तक ड्राइव करना होता है। अगर आपको ऐसा लगता है यह काम सिर्फ पुरुष कर सकते हैं तो मध्य प्रदेश के भोपाल शहर की रहने वाली योगिता आप को गलत साबित कर देंगी।
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योगिता रघुवंशी एक ट्रक ड्राइवर हैं। दो बच्चों की मां योगिता एक सिंगल मदर हैं। वह बीते 16 सालों से ट्रक चला रही हैं। अपने ट्रक से वह देश के कोने-कोने तक सफर कर चुकी हैं। योगिता रघुवंशी ने 2003 में अपने पति की आकस्मिक मौत के बाद ये काम शुरू किया।
3 ट्रक और 2 बच्चों के साथ अकेली योगिता ने अपने पति का काम संभाला और ट्रक ड्राइविंग सीखी। वो 10 चक्कों वाला ट्रक चलाती हैं और अक्सर नाजुक सामान पहुंचाती है।
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योगिता के पति एडवोकेट थे जो एक ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाते थे। सडक़ दुर्घटना में पति के निधन के बाद उन्होंने अपने तीन ट्रकों के लिए ड्राइवर और हेल्पर भी रखे। लेकिन उनका ड्राइवर एक दुर्घटना में ट्रक को हैदराबाद में लावारिस छोडक़र भाग गया।
बाद में उन्होंने खुद ही ट्रक चलाने का फैसला किया। योगिता के पास कॉमर्स और लॉ की डिग्री हैं। साथ ही उनके पास ब्यूटीशियन का प्रमाणपत्र भी है। योगिता ना केवल हिंदी, बल्कि अंग्रेजी, गुजराती, मराठी और तेलुगू भी काफी अच्छे से बोल लेती हैं।
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वकील रह चुकी योगिता को इस पेशे से ज्यादा आय नहीं हो रही थी। योगिता का कहना है कि अपने ट्रक चलाने के लंबे सफर में उन्हें कभी कोई डर और खतरा महसूस नहीं हुआ। वहीं बाकी ड्राइवर भी उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। योगिता रघुवंशी जैसी स्त्री को ऐसा कर के लीक से हटकर चलते हुए देखना हम सभी के लिए प्रेरणा का एक स्त्रोत है।
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