बीजापुर| सिलेगर में 5 दिन पहले हुए मुठभेड़ सवालों के घेरे में है। जहां पुलिस अफसर इसे नक्सलियों के बीच मुठभेड़ बता रहे हैं वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि वहां नक्सली थे ही नहीं।
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आपको बता दें इस फायरिंग में 3 लोग मारे गए थे, जबकि कई घायल हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान स्थानीय ग्रामीणों के रूप में हुई है। इसके बाद सर्व आदिवासी समाज जांच करने के लिए शनिवार को बीजापुर पहुंच रहा है।
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करीब एक माह पहले CRPF के अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों से मुक्त कराने में शामिल गोंडवाना समाज के अध्यक्ष बोरैया तेलम भी इस टीम का हिस्सा हैं। वह सुबह से ही अपने साथियों के साथ बीजापुर के मुर्दुंडा में पहुंच गए हैं।
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जानिए क्या हैं मामला?
दरअसल सुकमा-बीजापुर बार्डर पर स्थित सिलगेर गांव में दो सप्ताह पहले सुरक्षा बलों का कैंप लगाया गया है। गांववालों का आरोप है कि फोर्स ने हमारे जल, जंगल, जमीन पर कब्जा किया है।
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इसे लेकर गांव में नाराजगी है और वे इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। 17 मई को गांववाले तार की फेसिंग तोड़कर कैंप इलाके में घुसने की कोशिश करने लगे। जवानों ने उन्हें रोकने का प्रयास किय। इस दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया। तभी गोलियां चलने की आवाज आने लगी और भगदड़ मच गई थी।