भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष महिलाओं के खिलाफ 46% आपराधिक मामले बढ़ गए हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के अनुसार इस साल जनवरी से लेकर अगस्त तक महिलाओं के खिलाफ दर्ज होने वाली शिकायतों की संख्या 19,953 रही, जो पिछले साल के मुकाबले 6,335 ज्यादा है। इसी अवधि में साल 2020 में महिलाओं के खिलाफ 13,618 शिकायतें दर्ज की गई थीं। एनसीडब्ल्यू को जुलाई के महीने में 3,248 शिकायतें मिलीं, जो जून 2015 के बाद से एक महीने में सबसे अधिक है।
राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार महिलाओं के खिलाफ दर्ज इन शिकायतों में आधे से ज्यादा केवल उत्तर प्रदेश से हैं। आंकड़ों के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश (10,084) से प्राप्त हुईं। वहीं, इस मामले में राष्ट्रीय राजधानी यानी दिल्ली दूसरे नंबर पर रही, जहां महिलाओं के खिलाफ शिकायतों की संख्या 2,147 रहीं। जबकि हरियाणा में यह आंकड़े 995 और महाराष्ट्र में 974 हैं।
किस मामले में कितनी शिकायते
गरिमा के साथ जीने के अधिकार के तहत- 7,036 शिकायतें
घरेलू हिंसा के संबंध में- 4,289 शिकायतें
उत्पीड़न या दहेज उत्पीड़न के संबंध में- 2,923 शिकायतें
छेड़छाड़ के अपराध के संबंध में- 1,116 शिकायतें
बलात्कार और बलात्कार के प्रयास के संबंध में- 1,022 शिकायतें
साइबर अपराध के संबंध में- 585 शिकायतें
महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों में वृद्धि पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि नियमित रूप से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने से मामलों में वृद्धि हो रही है। जनता अब अपने काम के बारे में अधिक जागरूक है, इसलिए शिकायतों में उछाल आया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग हमेशा महिलाओं की मदद के लिए नई पहल करने में तत्पर रहा है।
रेखा शर्मा ने बताया कि महिलाओं की मदद के लिए 24 घंटे चलने वाला हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें सहायता मिल सके। इस नंबर की मदद से महिलाएं आसानी से शिकायत भी दर्ज करवा सकती हैं।
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