जगदलपुर। छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा जिले में बारसूर इलाके से वन विभाग की टीम ने अजगर सहित एक मगरमच्छ को पकड़ लिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि, सोमवार को बारसूर नगर पंचायत क्षेत्र के एक घर में देर शाम एक 6 फीट का अजगर निकला। वहीं इसी इलाके में ही खेतों में काम करने गए ग्रामीणों ने एक बहुत बड़ा मगरमच्छ देखा। उन्होंने इसकी सूचना दंतेवाड़ा वन विभाग को दी। मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने उन्हें पकड़ने के लिए घंटों मशक्कत की। उन्होंने दोनों का रेस्क्यू किया और सुरक्षित छोड़ दिया। अजगर को जंगल में और मगरमच्छ को इंद्रावती नदी में छोड़ दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, बारसूर के स्कूलपारा में एक घर के सदस्य आंगन में बैठे बातें कर रहे थे। इस दौरान उनकी नजर एक बहुत बड़े अजगर पर पड़ी। जैसे ही उन्होंने अजगर को देखा वे सब सहम गए। सूचना पर वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। टीम ने अजगर को करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद घर से निकाला। फिर उसे पकड़कर जंगल में ले जाकर छोड़ दिया गया। वन विभाग के डिप्टी रेंजर मंगल कर्मा के मुताबिक, करीब 6 फीट लंबा अजगर पकड़ा गया है। तीन महीने के भीतर 3 अजगर का रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा गया है।
खेतों से मगरमच्छ का रेस्क्यू
बारसूर में सोमवार की दोपहर को ग्रामीण खेतों में काम करने गए थे। उन्होंने फसल के बीच में एक मगरमच्छ को देखा था। मगरमच्छ को देखकर इलाके भर में हड़कंप मच गया। ऐसा बताया गया कि, यह मगरमच्छ बारसूर के एक तालाब में बहुत दिनों से मौजूद था। मगर सोमवार को वह अचानक तालाब के पास में ही स्थित खेतों तक पहुंच गया। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने लगभग डेढ़ घंटे तक रेस्क्यू चलाया और मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ लिया। डिप्टी रेंजर ने कहा, इस मगरमच्छ की लंबाई 7 फीट है और इसका वजन लगभग 70 किलो है। फिलहाल, मगरमच्छ को सुरक्षित तरीके से इंद्रावती नदी में छोड़ दिया गया है।
मगरमच्छ के डेढ़ दर्जन बच्चे
बता दें कि दंतेवाड़ा जिले के बारसूर इलाके में बहुत भारी संख्या में मगरमच्छ पाए जाते हैं। कुछ महीने पहले ही इंद्रावती नदी के किनारे एक छोटे से बरसाती नाले में मगरमच्छ के लगभग 16 बच्चे मिले थे। ग्रामीणों की इसकी सूचना वन कर्मियों को दी। मगरमच्छ के सभी बच्चों को इंद्रावती नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया था।
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