नई दिल्ली| भारतीय प्रशासनिक सेवा देश की सबसे बड़ी प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक हैं| देश में हर बेरोजगार युवा खुद को इस सेवा में शामिल करने खूब मेहनत करता हैं हालाँकि बहुत कम लोग ही इस सेवा में चयनित हो पाते हैं|
जिम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन कर झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरीय अधिकारी केंद्र सरकार में अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन कर रहे हैं। देश की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के लिए लागू की गई बहुप्रतीक्षित नई शिक्षा नीति को भी सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने का श्रेय झारखंड कैडर के तेजतर्रार अधिकारी अमित खरे को जाता है।
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बात दें की भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1985 बैच के अधिकारी अमित खरे का करियर विभिन्न उपलब्धियों से भरा पड़ा है। वे केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण शिक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कमान संभाल रहे हैं।
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में उन्होंने जहां दूरदर्शन के दायरे का विस्तार किया, वहीं झारखंड समेत देश के एक दर्जन राज्यों को डीडी फ्री डिश प्लेटफार्म में लाने में कामयाबी पाई।बात दें की इसके नेतृत्व में ही नवंबर 2018 में गोवा में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन हुआ।अमित खरे बिहार-झारखंड में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्हें बहुचर्चित चारा घोटाले का पर्दाफाश करने का भी श्रेय जाता है।
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वहीँ 1982 बैच के आइएएस अधिकारी राजीव गौबा केंद्र में महत्वपूर्ण कैबिनेट सचिव के पद पर हैं। इससे पूर्व उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय में सचिव पद की अहम जिम्मेदारी निभाई। महत्वपूर्ण नीति निर्धारकों में शुमार राजीब गौबा लगभग एक वर्ष तक झारखंड के मुख्य सचिव के पद पर भी रहे।
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बिहार-झारखंड में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे राजीव गौबा पटना विश्वविद्यालय से भतिकी के स्नातक हैं। उन्होंने उस वक्त कैबिनेट सचिव पद की जिम्मेदारी संभाली जब जम्मू-कश्मीर को विशेष सुविधा प्रदान करने वाली धारा-370 को हटाने का निर्णय लिया गया था।
1987 बैच के झारखंड कैडर के आइएएस अधिकारी नागेंद्र नाथ सिन्हा केंद्र में ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव की कमान संभाल रहे हैं। उन्होंने ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर तक धरातल पर उतारने के महती प्रयास किए हैं।
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बिहार-झारखंड में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग स्नातक नागेंद्रनाथ सिन्हा ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार में तैनाती के दौरान महत्वपूर्ण सड़क योजनाओं को मुकाम तक पहुंचाया। भारतमाला प्रोजेक्ट को भी सफल बनाने का श्रेय उन्हें जाता है।
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केंद्र में उपभोक्ता मामले विभाग में अतिरिक्त सचिव पद पर तैनात 1992 बैच की आइएएस अधिकारी निधि खरे ने कोरोना काल में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित रखने पर कड़ी नजर रखी। उन्होंने इस बाबत सभी राज्य सरकारों को सचेत किया।
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