रांची में एक महिला ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। महिला के मुताबिक डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने बिना पूछे ही उसकी नसबंदी कर दी। दरअसल, रांची के सदर अस्पताल में कांटा टोली की रहने वाली पूनम देवी बच्चे की डिलीवरी के लिए भर्ती हुई थी जहां डॉक्टरों ने उसे सिजेरियन ऑपरेशन की जरूरत बताई।
आरोप है कि सर्जरी के दौरान उससे बगैर सहमति लिए उसकी नसबंदी कर दी गयी। महिला के आरोप के बाद अब इस स्वास्थ्य विभाग जांच कराने का दावा कर रहा है। वहीं, अस्पताल के डॉक्टर ने महिला के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सव्यसाची मंडल ने कहा कि बंध्याकरण के ऑपरेशन के लिए सिर्फ महिला की सहमति ही जरूरी है। महिला ने सहमति दी है तभी उसकी नसबंदी की गई है।
सदर अस्पताल में रांची की कांटा टोली की पूनम देवी डिलीवरी के लिए सदर अस्पताल में भर्ती हुईं थी जहां डॉक्टरों ने उसे सिजेरियन ऑपरेशन की जरूरत बताई। पीड़ित पूनम ने कहा कि ऑपरेशन के बाद उसे यह बताया गया कि उसकी नसबंदी भी कर दी गई है। पीड़ित महिला का आरोप है कि बिना उसकी या उसके पति की सहमति के डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी के दौरान नसबंदी भी कर दी।
सिविल सर्जन से महिला द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बिना महिला की सहमति के ऑपरेशन नहीं किया जा सकता। अब जब महिला इस मामले को लेकर शिकायत कर रही है तो इसकी जांच कराएंगे। वहीं महिला ने कहा कि डॉक्टरों ने बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए पति या परिवार के किसी भी अन्य सदस्य की सहमति नहीं ली। महिला ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने धोखे से कागजात पर हस्ताक्षर करवा कर बंध्याकरण ऑपरेशन कर दिया ताकि अपनी गलती पर पर्दा डाल सकें।
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