मृत्यु ही सत्य है, और सत्य ही मृत्यु है। इससे कभी नकारा नही जा सकता है। मृत्यु एक दिन सभी को आनी है। इसे न कोई टाल सकता है। धरती पर जन्म लेने वाले प्रत्येक जीवधारी की मौत निश्चित है। जिस तरह गर्भ में पलने वाला एक बच्चा कई स्टेज से गुजरते हुए जन्म लेता है, ठीक इसी तरह मृत्यु को प्राप्त होने से पहले भी एक मनुष्य को कई स्टेज से गुजरना होता है।
कई बार किसी इंसान की मृत्यु को आरामदायक बनाने के लिए मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है। कई लोगों के जीवन में ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं, जब वे अपनी मृत्यु को बहुत करीब से देखते हैं। ऐसे में इंसान की धड़कनें काफी तेज गति से चलने लगती है, वह बुरी तरह से घबरा जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मृत्यु होने से पहले एक इंसान के साथ क्या-क्या होता है, वह कैसा महसूस करता है? यूनाइटेड किंगडम के न्यूकैसल हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ. कैथरीन मैनिक्स ने इस विषय पर बहुत ही जरूरी जानकारी दी है कि मृत्यु से पहले एक इंसान कैसा महसूस करता है। sciencefocus.com पर प्रकाशित डॉ. कैथरीन मैनिक्स के इस लेख में कहा गया है कि इंसान कई चरणों से गुजरते हुए मृत्यु को प्राप्त करता है।
डॉ. कैथरीन ने बताया कि जब किसी इंसान की मृत्यु होने वाली होती है तो उसका कुछ भी खाने-पीने का मन नहीं करता, चाहे उसके सामने उसका मनपसंद खाना ही क्यों न हो। जैसे-जैसे मृ्त्यु नजदीक आती है, वैसे-वैसे उसकी शारीरिक ऊर्जा कम होती रहती है। आमतौर पर अच्छी नींद लेने से इंसान को ऊर्जा मिलती है लेकिन जब किसी की मौत नजदीक हो तो उसे ठीक से नींद भी नहीं आती है और अगर आती भी तो उसके शरीर को जरूरी ऊर्जा नहीं मिल पाती।
मृत्यु नजदीक होने पर इन दिक्कतों का सामना करता है मनुष्य
जब एक व्यक्ति की मौत बिल्कुल नजदीक आ जाती है, तब उस व्यक्ति के दिल की धड़कनें बिल्कुल धीमी पड़ जाती है, ब्लड प्रेशर काफी नीचे गिर जाता है, शरीर ठंडा पड़ने लगता है और उसके नाखून धुंधले पड़ जाते हैं। ब्लड प्रेशर कम होने के कारण शरीर के अंग ठीक से काम करना बंद कर देते हैं. इतना ही हीं, मौत की दहलीज पर खड़े शख्स को बहुत बेचैनी होने लगती है और बेहोश होने जैसी कंडीशन हो जाती है।
मृत्यु के नजदीक पहुंच चुका व्यक्ति तेज और आवाज करते हुए सांसें लेने लगता है। फिर कुछ देर और बाद सांस लेने की गति काफी धीमी हो जाती है और फिर अंत में उसकी सांसें थम जाती हैं। सांसें रुकने के कुछ ही देर बाद उसकी हृदय गति भी पूरी तरह से रुक जाती है क्योंकि अब उसमें ऑक्सीजन की मात्रा पूरी तरह से खत्म हो चुकी होती है।