छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक हाई प्रोफाइल गैंग का पर्दाफाश हुआ है। जो फर्जी “नेशनल क्राइम ब्रांच” बनकर अवैध वसूली करते थे। इस मामले में बिलासपुर पुलिस ने नाबालिग सहित 7 आरोपीयों को गिरफ्तार किया है साथ ही घटना में प्रयुक्त गाड़ी एवं 7 मोबाइल जप्त किया गया है।
पूरे गैंग ने मोबाइल ऐप के जरिए ‘नेशनल क्राइम ब्रांच’ की फर्जी ID बना रखी थी। इसी को दिखाकर लोगों को डराते थे। जांच में पता चला है कि इस नाम की NGO रजिस्टर्ड है, जबकि नियमानुसार ऐसा नहीं हो सकता। वहीं अब पुलिस को एनजीओ संचालक की तलाश है।
जानकारी अनुसार, पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि कुछ लोग अपने आप को क्राइम ब्रांच का स्टाफ बता कर धमकी देते थे है साथ ही “नेशनल क्राइम ब्रांच” का आईडी दिखाकर लोगों को डरा धमका कर पैसा लेते हैं। जिसके बाद पुलिस ने इस गैंग के बारे में पड़ताल शुरू की।
पुलिस ने जांच शुरू की और मोपका निवासी रामप्रसाद ध्रुव, खमतराई निवासी दीपक ध्रुव, सरकंडा निवासी पुरुषोत्तम सिंह व अमित सिंह और एक नाबालिग को पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि भीम कुमार पटेल और कोरबा के दीपका निवासी जनक दीवान ने मोबाइल लिंक से ऐप के जरिए ‘नेशनल क्राइम ब्रांच’ की ID तैयार की है। जिसके बाद पुलिस ने भीम और जनक को भी कोरबा से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक पता चला है कि जिस ‘नेशनल क्राइम ब्रांच’ की फर्जी ID बनाई है, वह एक NGO है। उसके संचालक को लेकर भी जानकारी जुटाई जा रही है। इस नाम से NGO कैसे पंजीकृत कराया गया। आरोपी भी पहले एक NGO में ही काम करते थे।
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