छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने “गांधी को ढूंढे’ कार्यक्रम के तहत महात्मा गांधी का रास्ता चुनने वाले 8 लोगों को सम्मानित किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने रायपुर के सर्किट हाउस में आयोजित इस समारोह में इन्हें शॉल, श्रीफल और मानपत्र देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें खुद में गांधी को ढूंढना होगा। इससे पूरे समाज के स्वरूप को सही दिशा मिल सकती है।
“गांधी को ढूंढे’ कार्यक्रम में सम्मान किए गए गणमान्य लोगों में पद्मश्री धरमपाल सैनी, गनियारी-बिलासपुर में संचालित जन-स्वास्थ्य सहयोग केन्द्र की चिकित्सक डॉ. बियाट्रिस, बस्तर की गांधीवादी विचारक एम.के.नायडू, बेमेतरा के जाता की शैल चौहान शामिल हैं। वहीं, धमतरी के कंडेल निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक एवं लोक कथाकार मुरहाराम कमलवंशी, अंबिकापुर की सेवानिवृत्त शिक्षिका एवं लोक कथाकार डॉ. आशा शर्मा, गरियाबंद की लता नेताम और कोण्डागांव के शिल्पकार भूपेश तिवारी को भी सम्मानित किया गया।
गांधी वादी विचारों को जगाने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, गांधी जी आज भी प्रासंगिक हैं। आज भी हम सबके लिए देश और दुनिया के नव निर्माण के लिए उनके विचार को आत्मसात करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा-हम सब के अंदर जो गांधीवादी विचार हैं, उन्हें जागृत करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा, महात्मा गांधी ने समाज को जोड़ने और श्रम को सम्मानित करने का काम किया। दक्षिण अफ्रीका से लौट कर गांधी जी ने पूरे देश का भ्रमण किया। फिर विभिन्न समाजों से चर्चा करने के पश्चात कहा था कि गांव में भारत की आत्मा बसती है।
सरकार गांधी के आदर्शों पर चल रही
गांधी जी ने सत्य, अहिंसा, शांति, प्रेम और भाईचारा की बात कही थी। उन्होंने इन्हीं मूल्यों के आधार पर स्वयं का जीवन जिया और लोगों को आपसी सद्भाव का संदेश दिया। छत्तीसगढ़ सरकार गांधी के आदर्श और विचारों पर चल रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर सुराजी गांव योजना की शुरुआत करने का फैसला लिया। कुपोषण, अशिक्षा और बेरोजगारी को दूर करने के लिए अभियान शुरू किया। सरकार ने महात्मा गांधी के विचारों के अनुसार श्रम का सम्मान करने के लिए अपने वादे के मुताबिक सबसे पहले किसानों का ऋण माफ किया। भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को सालाना 6 हजार रुपए देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
वन मंत्री ने कहा- 90% योजनाएं गांधी से प्रेरित
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार की 80 से 90 % योजनाएं महात्मा गांधी के बताए गए ‘‘सर्वोदय’’ के सिद्धांत से प्रेरित हैं। इसमें समाज के गरीब, पिछड़े तथा अंतिम से अंतिम व्यक्ति के हित को ध्यान में रखा गया है। छत्तीसगढ़ में गांव, गरीब और किसानों के उत्थान को पहली प्राथमिकता दी गई है।
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