अंतरिक्ष में भारत ने रचा इतिहास ! ISRO के ‘बाहुबली’ रॉकेट से Bluebird-2 Satellite लॉन्च
अगली पीढ़ी का सैटेलाइट है, जो दुनिया भर के स्मार्टफोन को सीधे हाई-स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड देगा

नई दिल्ली/श्रीहरिकोटा : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार सुबह अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3-एम6) के जरिए अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल के नेक्स्ट-जेनरेशन कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को लाॉन्च किया। इस मिशन के तहत इसरो अपने भारी-भरकम रॉकेट LVM3 के जरिए सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित करेगा। यह लॉन्च तकनीकी और व्यावसायिक दोनों नजरिये से इसरो के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
यह कमर्शियल लॉन्च इसरो की व्यावसायिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) और एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच हुए समझौते के तहत किया गया। करीब 6,100 किलोग्राम वजनी ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट अब तक एलवीएम3 द्वारा एलईओ में ले जाया गया सबसे भारी पेलोड है। इससे पहले यह रिकॉर्ड इसी साल 2 नवंबर को लॉन्च किए गए सीएमएस-03 सैटेलाइट के नाम था, जिसका वजन लगभग 4,400 किलोग्राम था।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को AST SpaceMobile सैटेलाइट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक लो-अर्थ ऑर्बिट कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। इसका मकसद दुनिया भर के आम स्मार्टफोन को डायरेक्ट सेलुलर ब्रॉडबैंड देना है। यूज़र्स को किसी एक्स्ट्रा एंटीना या स्पेशल डिवाइस की जरूरत नहीं होगी। यह सैटेलाइट ISRO का अब तक का सबसे भारी कमर्शियल पेलोड है।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन एक ग्लोबल लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) कॉन्स्टेलेशन का हिस्सा है जो सैटेलाइट के जरिए सीधे मोबाइल कनेक्टिविटी देगा। यह कॉन्स्टेलेशन हर जगह, हर समय, सभी के लिए 4G और 5G वॉयस और वीडियो कॉल, टेक्स्ट, स्ट्रीमिंग और डेटा को संभव बनाएगा।
ISRO आज दुनिया का सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करेगा, जिसका मकसद बिना टावर या फाइबर के स्पेस से सीधे स्टैंडर्ड स्मार्टफोन को 4G/5G इंटरनेट देना है। इस सैटेलाइट का नाम ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 है। यह अगली पीढ़ी का सैटेलाइट है, जो दुनिया भर के स्मार्टफोन को सीधे हाई-स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड देगा।