आपने अक्सर देखा होगा, डॉक्टर कई इंजेक्शन (Injection) मरीज के हाथ में लगाते हैं और कई इंजेक्शन कमर में। वैक्सीनेशन के दौरान भी आपने देखा होगा की वैक्सीन हाथ में लगाई जाती है ना की कमर में। इंजेक्शन हाथ में या कमर में लगाना है यह डॉक्टर खुद चुनता है। मरीज को इसकी स्वतंत्रता नहीं दी जाती कि वह इंजेक्शन (Injection) हाथ में लगवाना चाहता है या कमर में। किंतु प्रश्न यह है कि ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे की वजह क्या है। आइए आज हम आपको इसी विषय में जानकारी देंगे-
हाथ में कौन से इंजेक्शन लगाए जाते हैं
हाथ में लगाए जाने वाले इंजेक्शन को कम गाढ़े (Hypotonic injection) कहते हैं। कमर या हाथ में इंजेक्शन का चुनाव बीमारी के आधार पर नहीं होता बल्कि इंजेक्शन(Injection)में मौजूद दवा के आधार पर होता है। हाथ में ऐसे इंजेक्शन लगाए जाते हैं जिनमें मौजूद लिक्विड खून में आसानी से मिल कर प्रवाहित हो सकता है, उन्हें हाथ में लगाया जाता है। आसान भाषा में इन्हें हल्के Injection कहा जाता है। इनके कारण शरीर को किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होती।
कमर में कौन से इंजेक्शन लगाए जाते हैं
कमर में लगाए जाने वाले इंजेक्शन को अधिक गाढ़े (Hypertonic injection) कहा जाता है। कमर में वह इंजेक्शन लगाए जाते हैं जिनके अंदर मौजूद लिक्विड रक्त के साथ आसानी से समायोजित नहीं होता। लिक्विड के खून में मिलने की प्रक्रिया के दौरान मरीज को दर्द हो सकता है। दर्द के अहसास को कम करने के लिए इंजेक्शन(Injection) को कमर में लगाया जाता है। इस तरह के Injection हाथ में लगाने की स्थिति में कभी-कभी हाथ हमेशा के लिए काम करना बंद कर देता है।
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