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शेर को क्यों कहा जाता है जंगल का राजा, जबकि बाघ उससे ज्यादा खतरनाक

आप सभी को तो मालूम ही होगा कि शेर अक्‍सर झुंड में रहना पसंद करते हैं साथ ही साथ वे अपने खुद के सामाजिक व्‍यवहार के कारण अक्सर कई सारे शेरों के साथ ही रहना पसंद करते हैं। आप सभी को पता ही होगा कि आमतौर पर शेरों के झुंड जो होते हैं उन्हें ‘प्राइड’ कहा जाता है। लेकिन बात अगर टाइगर की हो तो उन्हें अकेले रहना पसंद होता है।
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बाघ और शेर दोनों ही खतरनाक

जंगल के राजा की अगर हम बात करें तो सबसे पहले हमे उनकी बेबाक और निडर छवि नज़र आती है। हमने अक्सर सुना है कि लोग कहते हैं ‘शेर की तरह बनो’।
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बाघ और शेर अलग-अलग
बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो शेर और बाघ को एक ही समझते हैं और कोई अंतर नहीं देख पाते लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं होता। दोनों शेर और बाघ अपनी अपनी आदतों और हाव-भाव के कारण एक-दूसरे से पूरी तरह से भिन्न होते हैं। तो चलि आपको आज हम आपको शेर और बाघ में अंतर बताते हैं, कुछ ऐसे अंतर जिनके बारे में आपने शायद पहले कभी न सुना हो।
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बाघ होते हैं चुस्त और फुर्तीले, शेर होते हैं आलसी
जैसे ही आप शेर और बाघ को देखेंगे तो उन्हे देखते ही सबसे पहला अंतर अन्तर जो आप देखेंगे वो है बाघों के शरीर पर बनी काली धारियाँ इसके विपरीत शेरों के शरीर पर ऐसा कुछ नहीं पाया जाता। इसके अलावा कहा जाता है कि बाघ, शेरों के मुकाबले ज्यादा लंबे, भारी और ताकतवर होते है। बाघों को शेरों की तुलना में ज्यादा चुस्त, फुर्तीले और शक्तिशाली कहे जाते हैं। वहीं कहते हैं कि शेर बहुत ही आलसी किस्म के जानवर होते हैं ये इस हद तक आलसी होते हैं कि ये तभी कुछ करते हैं जब उन्हें कुछ करने की जरूरत होती है अन्यथा वे कोई कार्य नहीं करते।
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बाघ का वजन शेर के मुकाबले ज्‍यादा
जानकारी के लिए बता दें कि शेरों के मुकाबले बाघ का वजन बहुत ज्यादा होता है। शेर के गले के आसपास बाल पाई जाती है वहीँ बाघ के शरीर पर कोई बाल नहीं पाए जाते। मालूम हो कि बाघ की लंबाई 12.5 फीट तक होती है और वजन 300 किलो से ज्‍यादा होता है। वहीँ अगर बात शेर की की जाए तो उसकी लंबाई 6.5 फीट से 11 फीट तक होने की संभावना होती है। शेरों को अक्‍सर झुंड में देखा जाता है आमतौर पर उन्हें अपने सामाजिक व्‍यवहार कारण बहुत सारे शेरों के साथ रहना पसंद ज्यादा पसंद होता है।
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शेरों के झुंड को कहा जाता है प्राइड
आमतौर पर बोलचाल की भाषा में शेरों के झुंड को ‘प्राइड’ कहते हैं। लेकिन वहीं बात अगर एक टाइगर की हो तो उन्हें अकेले ही रहना पसंद होता है।
नर शेर संभालता है झुंड की कमान, मादा करती है शिकार
शेरों के झुंड की बात करें तो यहाँ झुंड के कमान को संभालने की जिम्मेदारी एक ने शेर की होती है। यहाँ एक शेरनी समूह के लिए शिकार करने का कार्य संभालती है। बाघों की अगर हम बात करें तो चाहे नर हो या मादा वे अपना शिकार खुद ही करते हैं और उन्हें अपने खाने के लिए किसी भी निर्भर होना पसंद नहीं होता है। शेर को अपने खाने को किसी के साथ भी बांटना पसंद नहीं होता। बता दें कि एक शेर 50 मील प्रति घंटे की स्‍पीड एक ही बार में हासिल कर लेता है । बाघ 55 मील प्रति घंटे की रफ्तार तक एक ही बार में जा सकते हैं।
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शेर किन कारणों से होता है जंगल का राजा
विशेषज्ञों के अनुसार अगर तुलना करें तो एक टाइगर बहुत ज्‍यादा एक्टिव होता है। इसके बावजूद शेर को ही जंगल का राजा कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक, टाइगर का ब्रेन साइज शेर से कहीं अधिक होता है।मिली जानकारी के अनुसार शेर की तुलना में बाघ का मस्तिष्‍क,थोड़ा बड़ा होता है। तो ऐसे में उनके पास मस्तिष्क बड़ा होने के कारण दिमाग भी शेर की तुलना में ज्‍यादा होता है साथ ही काफी तेज भी होता है। बता दें कि शेर के दिमाग की तुलना एक बाघ का दिमाग 16 फीसदी बड़ा पाया जाता है।

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