महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 12 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। एजेंसी के अधिकारियों का कहना था कि एनसीपी नेता देशमुख मामले से जुड़े सवालों को लेकर टालमटोल कर रहे थे। देशमुख को मंगलवार सुबह स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि 71 वर्षीय देशमुख को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था क्योंकि वरिष्ठ NCP नेता पूछताछ के दौरान टालमटोल कर रहे थे और मंगलवार को स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद एजेंसी उनकी हिरासत की मांग करेगी। सोमवार को एक वीडियो बयान में, 71 वर्षीय राकांपा नेता ने कहा था “मेरे खिलाफ सभी आरोप झूठे हैं”
दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के विरुद्ध पुलिस अधिकारियों के माध्यम से 100 करोड़ रुपये हर महीने वसूली की शिकायत किए जाने के बाद बांबे हाई कोर्ट ने उनके विरुद्ध सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे। यह आदेश आने के बाद ही सीबीआई ने देशमुख के विरुद्ध प्राथमिक जांच शुरू कर दी थी और उन्हें महाराष्ट्र के गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
ईडी ने 5 बार जारी किया था समन
इससे पहले ईडी की तरफ से पांच बार समन जारी किये जाने के बावजूद देशमुख पेश नहीं हुए थे। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से पिछले सप्ताह इन समनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे। एनसीपी के नेता ने कहा कि उन्होंने बिना किसी डर या पक्षपात के केवल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
बता दें कि ये पूरा मामला मार्च महीने मे तब सामने आया था, जब पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी थी। वसूली के आरोपों से घिरने के बाद अनिल देशमुख ने पांच अप्रैल को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और 10 मई को ईडी ने उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया।
Back to top button