रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज समस्त कोरोना योद्धा शोक संदेश के नाम से सड़क पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि सरकार के प्रतिनिधि जहां-जहां लाशें गिरती है वहां जाकर उनकी संवेदना व्यक्त करती हैं। कोरोना योद्धा भी अपने प्राण दाव पर लगा चुके हैं। क्योंकि यह भी सबके समान जिंदा हैं जिन्हें पूछने वाला कोई नहीं है। इसी वजह से आज क्रांतिकारी कोरोना योद्धाओं द्वारा एक शोक संवेदना संदेश का प्रदर्शन किया जा रहा है।
इसमें उन्होंने सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की है कि जिस तरह से वे लाश पर राजनीति करने के लिए लाशों के ढेर देखकर कभी यूपी चली जाती है तो कभी जशपुर में लाशों के ढेर को देखकर संवेदना व्यक्त करने चली जाती है उसी तरह से आज सरकार से हमारा निवेदन है कि हमारे कोरोना योद्धा जो जिंदा लाश की तरह पड़े हुए हैं उन्हें भी एक बार उनकी समस्याओं को देखने उनके प्रति संवेदना एवं सहानुभूति रखने धरना स्थल रायपुर पर आएं और हमारे दर्द एवं समर्पण तकलीफ का आकलन करें।
कोरोना योद्धाओं, तपोस्थली में अनोखा प्रदर्शन कर सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि जिस तरह से सरकार लाशों पर राजनीति करते हुए उन पर संवेदना एवं सहानुभूति रखने के लिए बार-बार उन्हें मिलने के लिए जाती है। कोरोना योद्धाओं ने कहा कि हमने भी लोगों की सेवा एवं सरकार के लिए अपना प्राण दाव पर लगाया हैं।
अब हम यह देखना चाहते हैं कि सरकार के प्रतिनिधियों में इन कोरोना योद्धाओं के लिए किस तरह की संवेदना एवं सहानुभूति है क्योंकि हमने देखा है कि जहां लाशें गिरती है प्रतिनिधियों के दल राजनीतिक गिद्ध बनकर लाशों के प्रति संवेदना एवं सहानुभूति व्यक्त करते हैं।
आज कोरोना योद्धा भी एक लाश के समान हो चुके हैं। अब देखते हैं सरकार के प्रतिनिधि उनकी सुविधाओं का आकलन के लिए आते हैं या नहीं क्योंकि यूपी में लाश गिरने पर यही सरकार के प्रतिनिधि वहां संवेदनाएं एवं सहानुभूति व्यक्त करने जाते हैं। यहां तक कि जशपुर में लाश गिरने पर भी इनके प्रतिनिधि शोक एवं संवेदना व्यक्त करते हैं। आज इनकी कोरोना योद्धाओं के प्रति किस प्रकार की संवेदना एवं सहानुभूति है।
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