छत्तीसगढ़

बड़ी खबर: चिंतामणि महाराज की घर वापसी, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के नेतृत्व में भाजपा में हुए शामिल

अंबिकापुर. टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे सामरी विधायक चिंतामणि महाराज आखिरकार बीजेपी में शामिल हो गए हैं। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर की मौजूदगी में समाज के सैकड़ों सदस्यों के साथ महाराज ने सदस्यता ली। छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले सियासत एक नया रंग लिया है। बता दें सामरी के विधायक चिंतामणि महाराज आज प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हो गए हैं। ओम माथुर ने माला पहनाकर चिंतामणि महाराज का भाजपा में घर वापसी कराया। बता दें कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की सामरी सीट से विधायक चिंतामणि महाराज को इस बार टिकट नहीं दिया है। इसके चलते वे नाराज चल रहे थे।

‘बाबा’ के खिलाफ लड़ने की जताई थी इच्छा
चिंतामणि महाराज ने भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताते हुए सरगुजा महाराज और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के विरुद्ध चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन वहां से पार्टी ने राजेश अग्रवाल को प्रत्याशी बना दिया। हालांकि भाजपा ने उन्हें ये प्रस्ताव दिया है कि लोकसभा चुनाव में उन्हें सरगुजा से प्रत्याशी बनाने का विकल्प अभी भी खुला है।

जानकारी हो 2018 के विधानसभा चुनाव में चिंतामणि महाराज सामरी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे। इस बार उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को हराया। चिंतामणि महाराज को कुल 180,620 वोट प्राप्त हुए तो वहीं उनके करीबी प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को 58697 वोट मिले थे।

गौरतलब है कि सरगुजा संभाग में इस बार कांग्रेस ने कई विधायकों की टिकट काट दी है, जिनमें से पूर्व शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम, रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह, सामरी विधायक चिंतामणी महाराज, मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल, भटगांव विधायक पारसनाथ राजवाड़े शामिल हैं। टिकट कटने से नाराज इन विधायकों में कई ने बागी तेवर दिखाए हैं। इनमें से बृहस्पत सिंह और सामरी विधायक चिंतामणी महाराज ने बगावत का ऐलान कर दिया है। कुछ दिनों में पहला चरण और फिर दूसरा चरण 17 नवंबर को है। ऐसे समय में इन नेताओं का पार्टी छोड़ना कहीं न कहीं बड़े नुकसान की ओर संकेत दे रहा है।

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