छत्तीसगढ़

CG Weather Update: छत्तीसगढ़ को मॉनसून ने कहा बाय-बाय, इस बार 3 प्रतिशत कम बरसे बादल

प्रदेश में सक्रिय दक्षिण-पश्चिम मानसून मंगलवार शाम विदा हो गया। मानसूनी तंत्र शनिवार को सरगुजा क्षेत्र से पीछे हटना शुरू हुआ था। इसके बाद वह अगले तीन दिनों में बस्तर होकर प्रदेश की भौगोलिक सीमाओं के बाहर ही चला गया। इस बार का मानसून समय से पहले आया था। मानसून का मौसम इस साल चार महीनों से अधिक समय तक बना रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र ने मंगलवार दोपहर को जानकारी दी, दक्षिण पश्चिम मानसून वापस लौटते हुए कांकेर तक पहुंच गया है। अब देर शाम यह स्पष्ट हो गया कि मानसून उससे भी पीछे हट चुका है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने कहा, दक्षिण-पश्चिम मानसून छत्तीसगढ़ से विदा हो चुका है।
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 मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, राजस्थान क्षेत्र से मानसून की विदाई 6 अक्टूबर से ही शुरू हो गई थी। शनिवार को दक्षिण पश्चिम मानसून मोतिहारी, गया, डाल्टनगंज, अम्बिकापुर, मंडला, इंदौर, बांसवाड़ा, गांधीनगर, राजकोट और पोरबंदर तक हट चुका था। उसके पश्चात मौसम बहुत तेजी से उसके अनुकूल बन गया और मंगलवार शाम तक मानसून पूरी तरह से विदा हो गया।
छत्तीसगढ़ में सामान्य तौर पर मानसून 16 जून को सक्रिय होता है। इसके बाद चार दिनों में यह पूरे प्रदेश को कवर कर लेता है। मगर इस साल यह 9-10 जून को ही रायपुर तक पहुंच चुका था। प्रदेश में 30 सितम्बर तक 1108 मिलीमीटर की औसत बारिश हो चुकी थी।
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मानसून सीजन में 3 प्रतिशत कम हुई बारिश
प्रदेश में एक जून से लेकर 30 सितम्बर तक 1108 मिली मीटर की औसत बरसात दर्ज की गई है। इन चार महीनों में ही प्रदेश की सामान्य औसत वर्षा 1142 मिली मीटर मानी जाती है। लेकिन इस बार सामान्य से 3 प्रतिशत कम बारिश हुई है। प्रदेश के 4 जिले सरगुजा, जसपुर, रायगढ़ और कांकेर जिले में सामान्य से भी कम बरसात हुई है। वहीं, बाकी सभी जिलों में 19 प्रतिशत अधिक या 19 प्रतिशत कम के बीच का आंकडा रहा है। इसे सामान्य वर्षा मानी जाती है। इस साल प्रदेश में औसत 56 दिन वर्षा हुई।
जून में सबसे ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, जून के महीने में सामान्य वर्षा 193.5 मिली मीटर है, वहीं, प्रदेश में 244.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। यह सामान्य से 26 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान 21 जिले अधिक एक्सेस तथा 6 जिले सामान्य से कम की स्थिति में थे।
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जुलाई तक 83 प्रतिशत बरसात
प्रदेश में जुलाई तक 756 मिलीमीटर बरसात हो चुकी थी। सामान्य तौर पर इन दो महीनों में 569 मिमी बरसात होती थी। लेकिन इस बार अकेले जुलाई में 331.6मिमी वर्षा दर्ज की गई जो कि सामान्य से 83 प्रतिशत रहा। 10 जिलों में इस समय तक बरसात सामान्य से अधिक और 17 जिले सामान्य से कम स्थिति में रहे।
अगस्त में कम बारिश
अगस्त में प्रदेश में कुल 797.5 मिली मीटर वर्षा हुई। जहां सामान्य तौर पर इस महीने तक 933.2 मिमी बरसात होती है और केवल अगस्त महीने में सामान्य वर्षा 364 मिमी होती है, मगर इस बार केवल 221.5 मिमी पानी गिरा। यह सामान्य वर्षा का सिर्फ और सिर्फ 60.8 प्रतिशत रहा। प्रदेश में अगस्त तक औसत सामान्य बरसात 15 प्रतिशत कम रही। इस दौरान 1 जिले एक्सेस, 14 जिले सामान्य तथा 12 जिले सामान्य से कम स्थिति में रहे।
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सितंबर में कुछ दिनों तक हुई भारी बारिश
बता दें कि सितंबर में कुल 310 मिलीमीटर बारिश हुई है। वहीं सामान्य में 208.9 मिलीमीटर वर्षा होती रही है। जो कि इस बार सामान्य से 48.5 प्रतिशत अधिक रहा। इस दौरान 25 जिले सामान्य तथा 2 जिले सामान्य से कम वर्षा की स्थिति बने रहे। सितंबर के आखिर तक सिर्फ चार जिले ही सामान्य से कम की स्थिति में बने रहे। कुछ जिलों में अक्टूबर में भी मामूली बारिश हुई है।

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