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छत्तीसगढ़ में बन रहें सी-मार्ट, अब शहरों में एक छत के नीचे मिलेंगे गांवों में तैयार उत्पाद, कुटीर उद्योगों से जुड़े कारीगरों को मिलेगा नया बाजार…

Chhattisgarh C-Mart:  छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल सी-मार्ट की स्थापना को लेकर राज्यभर में तैयारी जोरों पर है। गांव में तैयार होने वाले विभिन्न उत्पादों को नया बाजार देने और शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध कराने राज्य सरकार ने सी-मार्ट (छत्तीसगढ़-मार्ट) का कॉन्सेप्ट लाया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में सी-मार्ट की स्थापना के निर्देश दिए हैं। वहीं दूसरे चरण में राज्य से बाहर में महानगरों में सी-मार्ट स्थापित किए जाएंगे। इस कड़ी में बलौदाबाजार जिला मुख्यालय में 6 हजार वर्गफीट बनकर तैयार हो चुका है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री बघेल शीघ्र ही करेंगे।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में अनेक प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला स्व-सहायता समूहों, शिल्पकारों, बुनकरों, दस्तकरों, कुम्भकरों और अन्य पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों को एक ही छत्त के नीचे विक्रय करने के लिए सकारात्मक पहल की है।

सी-मार्ट को लेकर तैयार प्रारूप के अनुसार गौठानों में कार्यरत महिला-स्वसहायता समूह द्वारा तैयार विभिन्न तरह के उत्पाद समेत गांवों में बनने वाले अनेक तरह के उत्पादों को एक छत के नीचे बिक्री के लिए रखा जाएगा।

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इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार के साधन बढ़ेंगे। सी-मार्ट महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों के लिए आत्मनिर्भर बनने की राह में मील का पत्थर साबित होगा। उनसे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी और आर्थिक स्थिति सुधरेगी।

सी-मार्ट में यह मिलेगा

सी-मार्ट में दैनिक उपयोग के समान जैसे हल्दी, मिर्च, पापड़, चिप्स, बड़ी-बिजौरी, आचार, फिनाइल, हैंडवॉश, वासिंग पाउडर, अगरबत्ती, धूप, दोना-पत्तल, ढेकी से कूटा हुआ चावल, घानी से निकाला हुआ तेल, कोदो, कुटकी, मक्का से लेकर सभी दलहनी फसलें बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी। उक्त उत्पाद जिले के विभिन्न गौठान में स्थित आजीविका सेंटर में कार्य करने वाली महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा तैयार किए गए है।

इसी के साथ ही सी-मार्ट में वन विभाग के मशहूर ब्रांड ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ के भी विभिन्न उत्पाद जैसे इमली, महुआ, हर्रा, बहेड़ा, आंवला, शहद उपलब्ध होंगे। गांवों में बने फूलझाड़ू, टेराकोटा, बेलमेटल, बांस उत्पाद, चमड़े के सामान, लौहशिल्प, कोसा सिल्क और लकड़ी के उत्पाद भी यहां बिकेंगे।

मार्केटिंग के लिए खास रणनीति –

CM बघेल ने छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की तरह ग्रामीण उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था लघु वनोपज संघ द्वारा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टरों को महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित एवं अन्य सभी पारंपरिक उत्पादकों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था हेतु प्रबंध संचालक लघु वनोपज संघ से समन्वय करने को कहा है।

इनको बनाया गया है सदस्य-

सी-मार्ट योजना के लिए मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है। समिति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, समन्वय एवं मॉनिटरिंग का काम करेगी। इस समिति में वित्त विभाग, वन विभाग, ग्रामोद्योग विभाग, खनिज साधन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सहित वनोपज संघ के प्रबंध संचालक को सदस्य बनाया गया है।

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