Chhattisgarh Child Marriage News: छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो रहा था बाल विवाह, समय रहते प्रशासन ने रुकवाई शादी…
Chhattisgarh Child Marriage News: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा और सूरजपुर जिले में प्रशासन ने बाल विवाह रोकने में सफलता प्राप्त की। प्रशासन ने ग्रामीणों को समझा कर बाल विवाह रोका।
दो बलिकाओ का बाल विवाह रूकवाया गया
पहले मामले में छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में प्रशासन द्वारा दो बाल विवाह रोके गए। जिसमें विकासखण्ड नवागढ के ग्राम बिरसिंघी व ग्राम टुरा सेमरिया के दो परिवार मे दों नाबालिग बालिकाओ का बाल विवाह किये जाने की सूचना पर जिला महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एवं चाइल्ड लाईन की संयुक्त टीम द्वारा बाल विवाह रोकवाया गया।
शिकायत प्राप्त होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सह जिला बाल विवाह प्रतिशेघ अधिकारी के निर्देश पर एवं परियोजना अधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी के मार्गदर्शन पर ग्राम ग्राम बिरसिंघी में एक नाबालिक बालिका का तथा ग्राम टुरा सेमरिया में एक नाबालिग बालिका का बाल विवाह रोकवाया गया।
वधु पक्ष को समझाईश दी गई, जिस पर उनके द्वारा सहर्ष ही बालिका के निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान की तथा विवाह स्थगित करने की बात कही गई, बालिका के परिजनों के अनुसार हमें यह ज्ञात नहीं था कि वर्तमान में मैाजूदा कानून के तहत् 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है।
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अधिकारियों द्वारा समझाईश दिये जाने पर उन्होने उक्त बालिका का विवाह वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत् विवाह किये जाने की शपथपूर्वक कथन किया तथा उन्हे बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है, जो भी व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा एक लाख रू. तक जुर्माना हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
दूसरा मामला-
ग्रामीणों की सूचना पर जिला प्रशासन की टीम ने रोका बाल विवाह
सूरजपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच कर परिजनों को समझाईस देकर बाल विवाह रोकने की कार्यवाही अनवरत जारी है। ग्रामीणों द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम खड़ौली दुहियापारा विकास खण्ड ओड़गी में एक नाबालिक लड़के का बाल विवाह सम्पन्न कराया जा रहा है। प्राप्त सूचना के सत्यापन हेतु तुरंत चाईल्ड लाईन ओड़गी की टीम को मौंके पर भेजा गया जहां परिजन द्वारा कोई जन्म तिथि संबंधित दस्तावेज नहीं होने कि जानकारी दी गई एवं लड़के का उम्र हो जाने के कारण विवाह संपन्न कराने की बात कही गई।
जिसकी जानकारी टीम द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी को प्राप्त हुई। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया को बताया कि ग्रामीण बालक के उम्र कम होने की बात कह रहे है और उसके परिजन उम्र पूरा होने की बात जिला कार्यक्रम अधिकारी ने निर्देश दिया कि जांच करें और समझाईस देकर विवाह को रोकें।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने तत्संबंध में पुलिस चौंकी चेन्द्रा से सम्पर्क किया गया शिक्षा विभाग के टीचर को सम्पर्क किया गया एवं उसका दस्तावेज देने हेतु बुलाया गया और दस्तावेज परीक्षण पर पता चला कि लड़का अभी 19 वर्ष 06 माह का है।
स्कूल से प्रमाण पत्र लेकर विवाह स्थल पर पुरी टीम के साथ जिला बाल संरक्षण अधिकारी गये जहां पर मण्डप काट कर उसकी पुजा बैगा द्वारा कराई जा रही थी सभी को समझाईस दिया गया कि यदि विवाह होता है तो सभी को जेल जाना पड़ सकता है। उन्हें बताया गया कि बाल का उम्र 19 वर्ष 06 माह हुआ है। 21 वर्ष होने पर ही विवाह हो पायेगा। बहुत समझाने पर वे ग्रामवासी विवाह नहीं करने को राजी हुए।