कोई बहाना नहीं चलेगा, सरकार तत्काल शुरू करें टीकाकरण : हाईकोर्ट
- 18 प्लस टीकाकरण : कोर्ट ने वैक्सीनेशन स्थगित करने पर जताई कड़ी नाराजगी
- सभी वर्गों को बराबरी से टीका लगाने निर्धारित करें बराबर प्रतिशत
बिलासपुर . राज्य सरकार द्वारा 18 से 44 साल के लोगों का टीकाकरण बन्द करने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि टीकाकरण बन्द करने को नहीं कहा था, बल्कि सभी वर्गों को समान रूप से टीका लगाना है। टीकाकरण एक मिनट भी रोकना अपराध है। अब कोई बहाना नहीं चलेगा, तत्काल टीकाकरण शुरू करें। मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तय की गई है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में शुक्रवार को जनहित याचिकाओं व हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने सरकार की नीति पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार टीकाकरण पर रोक नही लगा सकती। अंत्योदय, बीपीएल और एपीएल सभी का समान रूप, एक एक तिहाई के अनुपात में टीकाकरण होना चाहिए। बता दें कि प्रदेश में कोरोना टीकाकरण में वर्गीकरण के खिलाफ जकांछ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी सहित कई लोगों ने संविधान के आर्टिकल 14 समानता के अधिकार का हवाला देते हुए जनहित याचिका व हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की है। हाईकोर्ट भी मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। मामले में याचिकाकर्ताओं के वकील किशोर भादुड़ी, अनुमेश श्रीवास्तव, पलाश तिवारी, सुमित सिंह सहित अन्य ने पक्ष रखा।
कमेटी बनाएं पर निर्णय असंवैधानिक न हो
राज्य शासन ने टीकाकरण अभियान की नीति बनाने के लिए कमेटी गठित करने की बात कही। कोर्ट ने कहा कि कमेटी बनाएं पर पिछली बार की तरह भेदभावपूर्ण असंवैधानिक निर्णय न लिए जाएं। इससे पहले कोर्ट ने सभी वर्गों को टीका लगाने के लिए सरकार से दो दिन में स्पष्ट पॉलिसी बनाने को कहा था। लेकिन राज्य शासन ने टीकाकरण ही बन्द कर दिया।
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केंद्र से मांगा टीकों का हिसाब, जवाब देने के निर्देश
मामले की सुनवाई की सुनवाई के दौरान न्यायमित्र प्रफुल्ल भारत ने रायपुर निवासी नंदकुमार पटेल के अधिवक्ता संदीप दुबे की हस्तक्षेप याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं दी जा रही है। केंद्र के वकील ने कहा कि राज्य को डेढ़ लाख वैक्सीन 18 प्लस वालों के लिए दी गई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से राज्य को दिए जा रहे वैक्सीन का डाटा पेश करने को कहा है। केंद्र ने जवाब के लिए समय मांगा तो कोर्ट ने अगले सप्ताह तक डाटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
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