गरियाबंद। जिले के ब्लाॅक मुख्यालय फिंगेश्वर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर बोरिद नाम का एक गांव स्थित है। यहां पर आजकल सूखा नदी पर दिनदहाड़े चैन माउंटेन से रेत की अवैध खुदाई की जा रही है। साथ ही सैकड़ों ट्रीप रेत का परिवहन हो रहा है। रेत माफिया एनजीटी के सारे नियमों और सारे कायदे-कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए नदी से रेत उत्खनन कर रहे हैं। बावजूद इसके, जिम्मेदारों ने भी मौन साध रखा है।
बोरिद गांव में दिनदहाड़े कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां रेत खुदाई जैसा अवैध कारोबार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस कार्य में जिम्मेदार व्यक्तियों का नाम सामने आ रहा है। इसमे बहुत से नेताओं का नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि ग्राम बोरिद में हो रहे इस रेत खनन के धंधे का तार रायपुर के ओहदे पदों पर बैठे जिम्मेदारों से जुड़ा हुआ है। खबर मिली है कि ये जिम्मेदार गरियाबंद के उच्च पद पर आसीन अधिकारी का खास मित्र भी है और इस वजह से बोरिद में अवैध रेत खनन पर खनन माफियाओं को जिला प्रशासन की खुली छूट है।
कायदे कानून होने के बावजूद भी यहां रेत माफियाओं द्वारा खुलेआम रेत खनन किया जा रहा है और ऐसा लगता है कि यहां कायदे-कानून केवल गरीबों के लिए है। लगता है जैसे रसूखदार और अमीर लोगों के लिए कोई कानून ही नहीं है। जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले ही बोरिद में रेत का अवैध खनन रोकने के लिए फिंगेश्वर के तहसीलदार आए लेकिन वे बिना कार्यवाही किए ही बैरंग लौट गए। अब कार्यवाही नही होने की वजह से जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारियों और जनता के बीच तनातनी हो रही है। और चर्चाओं का बाजार गर्म है।
बोरिद में हो रहे अवैध रेत खनन का पर्दाफाश करने जब संवाददाता रेत घाट में समाचार संकलन कर रहे थे तो उसी समय इमरान खान नाम के एक खनन माफिया ने संवाददाता के साथ बदसूलुकी की। उसने संवाददाता को दबंगई दिखाई और गंदी गालियां दी।
खनन माफिया अपने आप को एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल का हेड बता रहा था। वहीं उनके साथ मौजूद दो व्यक्तियों ने भी कहा कि उनकी पहुँच बहुत ऊपर तक है। वे रेत खुदाई के बदले में खनिज विभाग को मोटी रकम देते हैं। अब इस बात से साफ जाहिर होता है कि इन खनन माफियाओं की पहुंच ऊपर तक है। इस वजह से वे अवैध रूप से रेत की खुदाई कर रहे हैं।
हाल ही में गरियाबंद कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने अवैध खनन को लेकर टास्क फ़ोर्स की बैठक रखी थी। इस बैठक में कलेक्टरने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पुलिस के साथ मिलकर अवैध रेत व मुरूम की खुदाई पर कार्यवाही करे। लेकिन उनके आदेश का भी पालन नहीं किया जा रहा है।
जनता के मन में उठ रहे सवाल
ऐसे मे जनता के मन में ढेर सारे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कौन इन्हें संरक्षण दे रहा है?और क्यों? कौन हैं जो इस काम के पीछे जिम्मेदार हैं?