बिलासपुर। जल्द ही आपको अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगलों में कानन पेंडारी जू के चीतल कुलांचे मारते दिखेंगे। कानन के 20 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व के छपरवा रेंज स्थित बहाउड में छोड़ा जाएगा। जिसको लेकर टाइगर रिजर्व प्रबंधन चीतलों के बाड़े की मरम्मत के साथ- साथ चारा व पानी की व्यवस्था में टाइगर रिजर्व प्रबंधन जुट गया है।
दरअसल कानन में सालों से चीतलों की शिफ्टिंग न होने के कारण वहां चीतलों की संख्या 300 के पार हो गई है। नियमानुसार किसी भी जू में 50 से अधिक चीतलों को नहीं रखना है। लेकिन बजट के कारण यह शिफ्टिंग बीते समय से नहीं हो पा रही थी। अब अचानकमार टाइगर रिजर्व में चीतलों को छोडऩे की अनुमति मिल गई है। इसी को देखते हुए प्रधान मुख्य वनसंरक्षक राव टाइगर रिजर्व के दौरे में पहुंचे।
बता दें जू से सीधे टाइगर रिजर्व के जंगलों में चीतलों को नहीं छोड़ा जाएगा। पहले उन्हें बहाउड में नौ हैक्टेयर में बने बाड़े में छोड़ा जाएगा। इस स्थान को लोहे की जाली से घेरा गया था। चार साल पहले यह व्यवस्था की गई थी। इसके चलते जालियां कई जगह से टूटी हुई है। जिसकी मरम्मत की जा रही है। कुछ समय तक चीतल इसी के अंदर रहेंगे। इसके बाद जालियों में बने गेट को खोल दिया जाएगा। वहीं बहाउड गांव को दूसरी जगह विस्थापित कर दिया गया है। शिफ्टिंग के बाद इसे चारागाह के रूप में विकसित किया गया था।
चीतलों को अचाकमार टाइगर रिजर्व छोडऩे के संबंध में आदेश नहीं मिला है, अनुमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
संजय लूथर ,अधीक्षक कानन पेंडारी
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