छत्तीसगढ़

टूटे हाथ के इलाज के इंतजार मे महिला की मौत, परिवार ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया आरोप, कहा- तीन दिन तक भूखा रखा

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के एक अस्पताल में एक महिला की मौत हो गई। यह महिला किसी बीमारी या उम्र होने की वजह से नही बल्कि टूटे हाथ के इलाज के इंतजार में चल बसी।
दरअसल, यह महिला अपने टूटे हाथ का इलाज करवाने के लिए मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल पहुंची थीं, मगर उसे वहां से गीता देवी मेमोरियल प्राइवेट अस्पताल रेफर कर दिया गया। अब मृतिका के परिवार ने यह आरोप लगाया है कि अस्पताल ने उसे तीन दिन तक भूखा रखा, इससे उसकी मौत हो गई।
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महिला की मौत के बाद काफी बवाल मच गया। पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने अस्पताल के बाहर ही देर रात तक धरना दिया। इसके बाद प्रशासन ने अस्पताल को सील कर प्रबंधक पर FIR दर्ज करा दी। वहीं, सरकारी अस्पताल के आरोपी डॉक्टरों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, लेमरू थाना क्षेत्र के सतरेंगा गांव निवासी सुख सिंह पहाड़ी कोरवा है। उसकी पत्नी सोनी बाई के हाथ में फैक्चर था। इसलिए इनके हाथ का इलाज करने के लिए वे बुधवार को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल पहुंचे। वहां वे दोपहर में ओपीडी बंद होने पर बाहर बैठकर इंतजार कर रहे थे।
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बताया जा रहा है कि तभी शुभम नाम का एक युवक उनके पास आया और उन्हें बेहतर इलाज का झांसा दिया। फिर वह उन्हें गाड़ी से कोसाबाड़ी स्थित गीता देवी अस्पताल ले गया।
ऑपरेशन के लिए 3 दिन भूखा रखने का आरोप
गीतादेवी अस्पताल में डॉक्टरों ने सोनी बाई का चेकअप किया इसके बाद उन्होंने ऑपरेशन की बात कही और उसे भर्ती कर लिया। अब परिजनों ने डॉक्टरों पर यह आरोप लगाया है कि डॉक्टर तीन दिन तक ऑपरेशन के लिए टालते रहे। इसी दौरान शुक्रवार देर रात करीब 1 बजे सोनी बाई की मौत हो गई।
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पति सुख सिंह का कहना है कि ऑपरेशन के लिए उनकी पत्नी को 3 दिन भूखा रखा गया। संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा से जुड़ा मामला होने की वजह से पुलिस ने तहसीलदार के सामने दोनों पक्षों को पूछताछ के लिए बुला लिया। अफसरों का कहना था कि रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी गई है।
पूर्व गृहमंत्री ने किया धरना प्रदर्शन
जैसे ही सूचना मिली रविवार देर शाम रामपुर विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर BJP कार्यकर्ताओं के साथ गीतादेवी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने अस्पताल के बाहर ही धरना प्रदर्शन किया। यह धरना देर रात तक चलता रहा। उन्होंने कहा कि प्रशासन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करे। गीता देवी अस्पताल बिना लाइसेंस के चल रहा है, उसे भी बंद कराया जाए।
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डॉक्टर और उसके साथियों पर होगी FIR
अब इसइस मामले में कलेक्टर रानू साहू ने जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कोरबा SDM हरिशंकर पैकरा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग माया वारियर और CMHO डॉ. बीबी बोर्डे की जांच टीम का गठन किया है। बताया जा रहा है कि यह टीम 3 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। वहीं, देर शाम कलेक्टर ने गीता देवी अस्पताल को सील करने का निर्देश दिया।
कलेक्टर ने डीन को महिला को निजी अस्पताल में एडमिट कराने वाले डॉक्टर स्वप्निल झा, शुभम और उनके अन्य साथियों पर भी FIR कराने के निर्देश दिए हैं।

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