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इंडोनेशिया से इटली तक बिकेंगे छत्तीसगढ़ के उत्पाद, स्व-सहायता समूह की महिलाओं के साथ निजी कंपनी मिलकर कर रही है काम

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तरह तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं। उनके द्वारा बनाए गए उत्पाद अब पुरी से काशी और इंडोनेशिया से इटली तक बिकेंगे। आपको बता दें कि दुर्ग जिले के सांकरा में बड़े पैमाने पर हर्बल गुलाल और अष्टगंध का उत्पादन हो रहा है। कुमकुम स्व-सहायता समूह की 60 महिलाएं इसके उत्पादन का काम कर रही हैं। गणेश ग्लोबल गुलाल फर्म द्वारा उनके लिए मशीन लगाया गया है।

यह कंपनी अष्टगंध के लिए कच्चा माल और पैकेजिंग सामग्री भी उपलब्ध करा रहा है। इसके अलावा कंपनी मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का काम भी कर रही है। इसमें महिलाओं को हर दिन 200 रुपए मजदूरी के साथ प्रॉफिट शेयरिंग भी मिल रहा है।

हर्बल गुलाल
हर्बल गुलाल

दुर्ग कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जानकारी दी कि सांकरा स्व-सहायता समूह में हम ऐसी गतिविधियों को जगह दे रहे हैं जहां बड़े पैमाने पर स्थायी रोजगार की संभावना बने। जिस फर्म को यहां का काम दिया गया है वो ग्लोबल फर्म है और दुनिया भर के देशों में अपने उत्पादों का निर्यात करती है।

आगे उन्होंने बताया कि कुछ सालों में तेजी से हर्बल गुलाल की मांग बढ़ी है। जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने बताया कि दक्षिण भारत, ओडिशा और काशी के तीर्थक्षेत्रों में अष्टगंध का काफी प्रयोग होता है। फर्म को हमने जगह प्रदान की और फर्म ने हमारे लोगों को रोजगार दिया और प्रॉफिट में भी हिस्सा देगी।

कंपनी के अधिकारियों ने बताया, सांकरा में बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन काम की शुरूआत की गई है। दुनिया भर में अष्टगंध की लोकप्रियता है। दक्षिण में लोग त्रिपुंड लगाते हैं। दक्षिण पूर्वी एशिया में बाली जैसे द्वीपों तक हमारा प्रोडक्ट बिकता है।

 

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