रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में विगत दो महीनों से किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच दो किसानों ने दम भी तोड़ दिया। सचिव अमिताभ जैन ने सोमवार को पहली बार किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बात की। किसानों ने मांगपत्र के एक-एक बिंदु पर बात की। अब इसके बाद मुख्य सचिव ने किसानों को उनकी मांगों के समाधान का आश्वासन दिया है।
जानकारी के अनुसार, प्रशासन ने शुक्रवार को मुख्य सचिव के साथ बैठक का न्यौता दिया था। फिर बताया गया कि यह बैठक सर्किट हाउस के पास पुलिस के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में आयोजित की जाएगी। नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति की ओर से रूपन चन्द्राकर, कामता प्रसाद रात्रे, ललित यादव, आनंद राम साहू, फूलेश बारले और गिरधर पटेल इस बैठक में शामिल हुए थे।
प्रशासन की तरफ से कलेक्टर सौरभ कुमार, NRDA के CEOअय्याज तम्बोली फकीर भाई, ADM गोपाल वर्मा, आरंग SDM अतुल विश्वकर्मा और पुलिस अधिकारी भी बैठक में शामिल रहे।इस बैठक के दौरान किसानों ने बताया, वहीं, अधिकारियों ने उनकी मांगों को विस्तार से सुना और समझा। उन्होंने सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। प्रशासन ने इस बैठक के बारे में कुछ नहीं कहा है। किसान यह उम्मीद जताए हुए हैं कि सरकार उनकी मांगाें पर जल्दी ही कोई निर्णय कर लेगी।
इन मांगों पर हुई चर्चा
सन् 2005 से जमीन के क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए।
ग्राम पंचायत कार्यरत रहते हुए नगरीय क्षेत्र की अधिसूचना 2014-15 को निरस्त किया जाए।
भूमिहीन वयस्कों को 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड बिना शर्त दिया जाए।
सम्पूर्ण ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए।
आपसी सहमति से क्रय एवं कानून द्वारा अर्जित सभी भूमियों पर नि:शुल्क उद्यानिकी, आवासीय, व्यावसायिक भूखण्ड और 15 हजार रुपया वार्षिकी राशि, बिना भेदभाव व बिना कटौती के दिया जाए।
भू-अर्जन कानून 1894 के तहत अनिवार्य अर्जन जिसमें मुआवजा प्राप्त नहीं हुए हो उन्हें चार गुणा मुआवजा या 50% विकसित भूखण्ड परियोजना क्षेत्र में या लेयर-2, 3 में जमीन के अनुपात में जमीन दिया जाए।
सशक्त समिति की 12वीं बैठक का पूर्णतया क्रियान्वयन किया जाए।
नवा रायपुर क्षेत्र में संविदा, निविदा में 75% प्रभावित बेरोजगारों को योग्यता अनुसार नियमित रोजगार दिया जाए।
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