छत्तीसगढ़

कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को सजा-ए-मौत, रेप के बाद दरिंदे ने की थी हत्या…जानें पूरा मामला

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एक 4 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या करने वाले शेखर कोर्राम को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी शेखर ने अपने ही पड़ोस में रहने वाली एक छोटी सी बच्ची को अगवा कर लिया और दुष्कर्म के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। शायद जिले में यह पहला मामला है जिसमें किसी को मौत की सजा सुनाई गई है।
जानकारी के मुताबिक, मामला राजनांदगांव के कोतवाली क्षेत्र में चिखली के कांकेतरा गांव की है जहां 22 अगस्त 2020 को एक बच्ची लापता हो गई। परिजनों ने थाने जाकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने जब बच्ची की तलाश करनी शुरू की तो पूछताछ में यह पता चला कि बच्ची के घर से करीब 100 मीटर दूर रहने वाले शेखर कोर्राम को उसके साथ किसी ने देखा है। इस पर पुलिस ने देर शाम संदिग्ध मानकर शेखर के घर पर दबिश दी। जब उसके घर तलाशी ली गई तो इस दौरान वहां पलंग और दीवार के बीच बच्ची का शव बरामद किया गया।
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ऐसी बेरहमी: तकिए के कवर से मुंह दबाकर मार डाला
पुलिस ने जब शेखर से पूछताछ की तो शेखर ने बताया कि उसने बच्ची को चॉकलेट का लालच दिया। फिर वह उसे अपने साथ ले जाकर दुष्कर्म किया। इसपर बच्ची ने जब शोर मचाया तो उसने उसका मुंह तकिए के कवर से दबाकर उसकी हत्या कर दी। इससे पहले कि वह शव को ठिकाने लगा पाता, पुलिस ने उसे दबोच लिया। इसके बाद पुलिस ने जांच की और DNA टेस्ट रिपोर्ट के साथ 19 सितंबर को चालान पेश कर दिया। बता दें कि इस दौरान शहर भर में बच्ची के पक्ष में प्रदर्शन और रैलियां निकाली गई।
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इस मामले में एक साल की सुनवाई के बाद फास्ट ट्रैक एडीजे कोर्ट ने सोमवार को आरोपी शेखर कोर्राम को मौत की सजा सुनाई है। जस्टिस शैलेष शर्मा ने जजमेंट में लिखा कि यह समाज के लिए बहुत ही घृणित हरकत और कलंक है। फैसले से मौत के बाद ही बच्ची को सही न्याय मिलेगा। ऐसा बताया जा रहा है कि यह पहली बार है, जब जिले में किसी को मौत की सजा सुनाई गई हो। गौरतलब है कि लोक अभियोजक परवेज अख्तर ने पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) एक्ट में प्रदेश में पहली बार किसी को फांसी की सजा सुनाए जाने का दावा किया है।

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