रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धर्म संसद आयोजित होने जा रहा है। इस धर्म संसद में छत्तीसगढ़ के संत तो शामिल होंगे ही लेकिन इसके अतिरिक्त दिल्ली और अयोध्या के संत भी शामिल होने के लिए राजधानी पहुंच चुके हैं।
इस धर्म संसद में सभी संत सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म को लेकर अपनी बात लोगों के समक्ष रखेंगे।
शनिवार को धर्म संसद की शुरुआत शोभायात्रा के साथ हुई। दूधाधारी मठ से एक कलश यात्रा रावणभाटा मैदान तक गई। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, विधायक विकास उपाध्याय और रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे भी इस यात्रा में शामिल थे।
सभी संतों ने रावण भाटा मैदान में धर्म ध्वजा को रखा और पूजा-अर्चना की। फिर धर्म संसद का आग़ाज़ हुआ। यह धर्म संसद 26 दिसंबर तक चलने वाली है। इसमें यूपी से भी बड़ी संख्या में संत शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।
आचरण में करें शामिल
दूधाधारी मठ के प्रमुख महंत रामसुंदर दास का कहना है कि धर्म संसद का आयोजन लोगों को हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति के बारे में जानकारी देने के लिए किया गया है। हम सभी चाहते हैं कि लोग न केवल इसे समझें अपितु अपने आचरण में भी शामिल करें। यह भारत राष्ट्र और समाज के लिए भी बहुत आवश्यक है।
रोजमर्रा के जीवन में लागू करने की आवश्यकता
संतों ने कहा कि महाभारत में भीष्म पितामह की भी इच्छा थी कि अर्जुन की जीत हो। लेकिन उन्हें दुर्योधन का साथ देना पड़ा। ठीक उसी तरह ही आज हम भी कंफ्यूजन में हैं। हमें यह मालूम है कि क्या सही है लेकिन हम गलत की तरफ आकर्षित हैं। आगे उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को समझते हुए इसके अपने रोजमर्रा के जीवन में लागू करने की आवश्यकता है।
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