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प्रदेश के इस शहर में जमीन के नीचे धधक रही है आग, 15 हज़ार लोगों के समा जाने का खतरा

Aditya Tripathi:- छत्तीसगढ़ का एक जिला है कोरिया, जिसके अंतर्गत आता है 45 वर्ग किमी के दायरे में बसा चिरमिरी शहर। ये इलाका खनिज संपदा से भरा हुआ है, लिहाजा सालों से लगातार जारी है माइनिंग। लेकिन चिरमिरी शहर के करीब 2 वर्ग किमी का क्षेत्र SECL प्रबंधन की लापरवाही के कारण माइंस में लगी आग की चपेट में है। हल्दीबाड़ी, टिकरापारा, छोटा बाजार, बड़ा बाजार क्षेत्र में कई जगह जमीन में आग लगी है, जिसे बुझाने SECL के द्वारा कोई ठोस पहल आज तक नहीं की गई। इस पूरे इलाके को खाली कराने SECL ने कई बार Notice दिया है। घटना वाले स्थान में करीब 140 लोगों को नोटिस पहुंच चूका है । 12 साल में तीसरी बार इस क्षेत्र में जमीन धंसने की घटना हुई है।

सोमवार को फिर धसी जमीन

इस सोमवार रात साढ़े 9 बजे चिरमिरी के महुआ दफाई और इसके आस-पास कंपन व तेज आवाज के साथ यहां जमीन एकाएक धंस गई। देर रात यहां हल्की दरार आई थी, लेकिन सुबह यह दरार बढ़ती चली गई। रात 12 बजे तक बस्ती को पूरी तरह से खाली करा लिया गया था। सुबह तक दरार 12 इंच की हो गई। वहीं जमीन के अंदर लगी आग को ऑक्सीजन न मिले इसके लिए 1 बजे से मिट्टी फीलिंग का काम शुरू किया। दो बजे तक स्थिति को नियंत्रण में करने चारों ओर से बैरिकेडिंग कर दी गई।

वहीं चिरमिरी हल्दीबाड़ी में फायर होने से जमीन के धंसने के कारण एसबीआई बैंक समेत आसपास के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी दरार आने से लोगों में हडकंप मच गया। 6 इंच से शुरू हुई दरार दिन 11 बजे तक 12 इंच की हो गई। कंक्रीट की पक्की सड़क दो हिस्से में बंट गई। मालूम हो कि चिरमिरी की 1.25 लाख की आबादी में से इस क्षेत्र के 8 सौ घरों की करीब 15 हजार आबादी को अंडर ग्राउंड खदान में धधक रही आग के कारण उसमें समा जाने का हमेशा खतरा बना रहा है।

डेंजर जोन घोषित हो चूका है इलका

SECL के GM घनश्याम सिंह की अपनी दलीलें है वो कहतें हैं हमने पहले से क्षेत्र को डेंजर जोन घोषित कर दिया है। जगह खाली कराने के लिए कई बार नोटिस दिया गया है लेकिन वोट बैंक की राजनीति के चलते लोग जान जोखिम में डाल कर रह रहे हैं। आग की चपेट में कितना क्षेत्र आया है, इसकी जानकारी सर्वे विभाग की जांच रिपोर्ट आने के बाद मिलेगी।

चिरमिरी नगर निगम के कमिश्नर सुमनराज कहतें है कि अभी अस्थाई तौर पर दो से तीन दिन के लिए प्रभावित क्षेत्र के लोगों को स्कूल में ही रखेंगे। एसईसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक कर एसईसीएल के खाली क्वार्टर में शिफ्ट करने के संबंध में चर्चा करेंगे। एसईसीएल के सबसे जिम्मेदार सर्वे विभाग के अधिकारी अरविंद गुप्ता को घटना की जानकारी ही नहीं। जबकि जीएम घनश्याम सिंह से प्रभावित की जानकारी मांगने पर कहा कि सर्वे आफिसर डिटेल बताएंगे। गुप्ता ने घटना की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया।

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