रायपुर। राजधानी के धरसींवा विकासखंड से तकरीबन 17 किलोमीटर दूर निलजा गांव में रहने वाले किसान चोवराम वर्मा ने एक नई मिसाल पेश की है। वो एक छोटे दर्जे के किसान हैं, लेकिन अब वो खेती किसानी के साथ मछली पालन के क्षेत्र में किस्मत आजमा रहे हैं।
कुछ साल पहले तक वे सिर्फ खेती करते थे, लेकिन उससे आय काफी कम थी। अब वे खेती के साथ ही मछली और मुर्गी पालन भी कर रहे हैं। इससे उनकी आमदनी दोगुनी हो गई और परिवार खुशहाल हो गया।
उन्होंने बताया कि वे सरकारी मदद से डबरी का निर्माण कर 3.5 एकड़ भूमि में किसानी करते हैं। पहले वो इन खेतों में धान की खेती किया करते थे, लेकिन पानी की कमी होने के कारण इन खेतों में दो फसलों की पैदावार नहीं हो पाती थी।
हाल ही में उन्होंने 1 लाख 41 हजार रुपए की लागत से आधे एकड़़ खेत में डबरी निर्माण कर मछली पालन के लिए औसतन 4500 नग मछली बीज डाला है, जो कि जून महीने तक तैयार हो जाता है।
इसके अलावा उन्होंने डबरी के मेड़ में दो हजार रुपए की लागत से प्याज व एक हजार रुपए की भिण्डी और सेमी का बीज लगाया है। इससे उन्हें 3 क्विंटल प्याज प्राप्त हुआ है। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ी है।
किसान ने बताया कि डबरी में मछली पालन के अलावा मुर्गी पालन भी कर रहे हैं। डबरी निर्माण हो जाने के बाद सिंचाई की सुविधा भी दुरूस्त हुई है, जिससे उत्पादन भी बढ़ा है और मुनाफा भी अधिक हो रहा है।
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