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खाद्य मंत्री अमरजीत भगत पर लगा कोरवा परिवारों की जमीन हड़पने का आरोप, मंत्रिमंडल से बर्खास्त की मांग

छत्तीसगढ़, जशपुरनगर।  प्रदेश के खाद्य और जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत के बेटे आशीष भगत द्वारा पहाड़ी कोरवाओं के जमीन खरीदी मामले में भाजपा ने मंत्री भगत को बर्खास्त करने की मांग की है। इस दौरान मामले की जांच को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय द्वारा गठित पांच सदस्यीय जांच दल पीड़ित परिवारों से मिलने मनोरा तहसील के ग्राम गुतकिया पहुंची।

खाद्य मंत्री पर अमरजीत भगत पर लगा कोरवा परवारों की जमीन हड़पने का आरोप, मंत्रिमंडल से बर्खास्त की मांग
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत पर लगा कोरवा परवारों की जमीन हड़पने का आरोप, मंत्रिमंडल से बर्खास्त की मांग

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अनुदान का झांसा देकर थमाया चेक
पहाड़ी कोरवाओं का बयान दर्ज करने के बाद,जांच दल में शामिल पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने सरकारी योजना के तहत अनुदान दिए जाने का झांसा देकर आशीष भगत द्वारा पहाड़ी कोरवाओं को चेक थमा कर,जमीन पंजीकरण कराए जाने का आरोप लगाते हुए कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत को बर्खास्त किए जाने की मांग की है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री ही विशेष संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवाओं का शोषण करने में शामिल हैं,ऐसे मंत्री को सरकार में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होनें कहा कि जांच की रिपोर्ट प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय को सौंपने के साथ ही,राज्यपाल के सामने भी इस मामले को रखा जाएगा।

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कौड़ियों के मोल खरीद बना रहें भूमिहीन
जांच दल में शामिल पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने दावा किया कि गुतकिया के साथ पहाड़ी कोरवा बाहुल्य अन्य गांवों में सत्ता पक्ष के नेताओं की शह पर भू माफिया,कोरवाओं से उनकी कीमती जमीनों को कौड़ियों के मोल खरीद कर उन्हें भूमिहीन बना रहें हैं। जिले में 170 ख और 7 वीं अनुसूची लागू होने के बाद भी गरीब आदिवासियों की जमीनों की धड़ल्ले से हो रही खरीद फरोख्त मामले को लेकर पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। शासन और प्रशासन,अपने कानूनी और सांवेैधानिक दायित्वों के निर्वाहन करने में पूरी तरह से विफल साबित हो रहें हैं।

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जांच दल के निशाने पर कलेक्टर व एसपी
भाजपा द्वारा गठित जांच दल के निशाने पर जिले के कलेक्टर व एसपी भी रहे। “गुप्तचर” से चर्चा के दौरान पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र में आदिवासी और विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरवाओं के हितों की रक्षा करना,कलेक्टर और एसपी का विशेष दायित्व होता है। लेकिन आशीष भगत के मामले में दोनों ही अधिकारी,अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं कर पाएं।धारा 170 ख के प्रविधान के तहत जमीन की रजिस्ट्री से पूर्व भूस्वामियों की आर्थिक स्थिति और उनके जमीन की उपलब्धता की एसडीएम से जांच और रिपोर्ट लिए बिना ही सीधे रजिस्ट्री कर दी गई। पीड़ितों की शिकायत के बाद भी प्रशासन हाथ पर हाथ धरा रहा। मामले में कहीं भी प्रशासन की भूमिका नजर नहीं आई।

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जानिए क्या है पूरा विवाद
भाजपा का आरोप है कि जिले के मनोरा तहसील के गुतकिया गांव में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बेटे आशीष भगत ने पांच पहाड़ी कोरवा परिवारों से 24.88 एकड़ जमीन खरीदी है। इसके एवज में उन्होनें चेक के माध्यम से 5 लाख रुपये का भुगतान किया है। जमीन विक्रेता पहाड़ी कोरवाओं ने कलेक्टर व एसपी से किए गए शिकायत में उन्हें बरगला कर,जमीन पंजीकरण कराए जाने की आरोप लगाते हुए बेची गई जमीन वापस दिलाने की गुहार लगाई है।मामले में कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने विवादित जमीन के नामातंरण पर रोक लगाते हुए,जांच दल गठित करने की घोषणा की है। इस बीच भाजपा ने पूर्व सांसद पांच सदस्यीय प्रदेश स्तरीय जांच दल का गठन किया था। इसमें सांसद गोमती साय के साथ पूर्व सांसद कमलभान सिंह,पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल,पूर्व मंत्री गणेश राम भगत,जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनि भगत और पूर्व जिलाध्यक्ष नरेश नंदें शामिल हैं।

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