बिग ब्रेकिंगलाइफस्टाइल

मधुमक्खियों को लेकर वैज्ञानिकों की चेतावनी, विलुप्त हुईं तो मुश्किल में पड़ जायेगा इंसान

आपको बता दें एक रिसर्च के मुताबिक पृथ्वी से मधुमक्खी की प्रजाति में काफी कमी पाई गई है । जिन्हें अक्सर हम अपने आसपास घूमते हुए देखा करते थे और वह हमें काट ना लें इस डर से हम उनके छत्ते को तोड़ देते थे। किंतु अब एक स्टडी में पाया गया है कि 2015 से पहले बीते कुछ 9 सालों में मधुमक्खी की एक चौथाई प्रजाति नहीं देखी गई है। ऐसे में यह वैज्ञानिको ओर इंसानो के लिए चिंताजनक बात क्यों है यह आपको अवश्य जानना चाहिए ।

मधुमक्खी एक कीट वर्ग का प्राणी है जिससे हमें मधु प्राप्त होता है और यह एक संघ बनाकर रहती हैं जिनमें से एक रानी, कई नर और शेष श्रमिक होते हैं मधुमक्खियां आमतौर पर छत्ते बनाकर रहती हैं इनका छत्ता मोम से बनता है मधुमक्खियां अपने परिवार के सदस्यों की पहचान नृत्य के माध्यम से करती हैं। मधुमक्खी जो कि एक नन्हा सा कीट जीव है वह नन्ना सा जीव पृथ्वी पर जीवन के विकास में कितना बड़ा योगदान देता है? क्या आपको पता है।

बेंगलुरु में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस के वैज्ञानिक डॉ बासुकी बेलाबड़ी ने बताया कि दुनिया में मधुमक्खियों की 20507 प्रजातियां हैं। और भारत में 723 प्रजातियां पायी गई है अभी और भी खोजने और पहचानना बाकी हैं। मधुमक्खी की लगभग सभी प्रजातियां फसलो, फूलों व जंगली पौधों में पोलीनेशन (परागण) के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।अगर यह नहीं हो तो ना सिर्फ जंगल बल्कि दुनिया भर की फसलें भी खतरे में पड़ सकती हैं।

इसकी अहमियत के बारे में ना पता होने के कारण ज्यादातर लोगों को लगता है, कि मधुमक्खियों का इस्तेमाल शहद के लिए ही होता है लेकिन लोगों को यह समझना बेहद जरूरी है कि कई मधुमक्खियां ऐसी है जो हजारों जंगली पौधों के उपज में महत्वपूर्ण योगदान देती है लगभग 85% फसलें इनकी वजह से ही निश्चित होती है।जिनमे से दुनियाभर का पेट भरने वाली फसले भी शामिल है।

कई रिसर्च के मुताबिक मधुमक्खियों की आबादी पर संकट पैदा होने की आशंका जताई गई है। रिसर्चर बताते हैं कि इंसानी गतिविधियों जैसे कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल करना , जलवायु परिवर्तन ,जिसके कारण जब फसल नही होती है तो उस मौसम में इनका पैदा होना मुश्किल हो जाता है। बायोडायवर्सिटी और हैबिटेट (रहने के लिए जगह का न मिलना) की कमी का असर मधुमक्खियों पर देखने को मिला है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button