राज्य में भारी बारिश से लाखों टन धान बर्बाद, किसान की मेनहत मिली पानी में
बीते 24 घंटों में प्रदेश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हो रही है तो कहीं भारी बर्फ़बारी जिससे सबसे ज्यादा नुकसान धान खरीदी केंद्रों में खुले में रखे 38 लाख टन धान के ख़राब होने की आशंका है। वहीँ जिन किसानों के धान अभी तक धान खरीदी केन्द्रो के लाइन में हैं उनके धान ख़राब होने की भी अशंका है। छत्तीसगढ़ में हो रही लगातार बारिश की वजह से बुधवार को सुबह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि धान खरीदी केन्द्रो में रखे हुए पुरे धान को तुरंत ढंका जाए और नुकसान हुए धान का आंकलन किया जाए।
जानकारी मुताबिक प्रदेश के धान खरीदी केन्द्रो में 1 दिसंबर से अब तक 52.90 लाख टन धान की खरीदी की जा चुकी है, जिसमें से 15 लाख टन धान ही कस्टम मिलिंग और अन्य कारणों से हटाया जा सका है। प्रदेशभर के 2484 खरीदी केंद्रों में अभी भी 38 लाख टन धान रखा हुआ है, जिसमें से ज्यादातर धान अभी खुले में ही है और भरी बारिश में भीग रहा है। जिसमे कुछ ही धान तिरपाल से ढंका गया है, लेकिन केंद्रों में पानी भराव के कारण नीचे के बोरों से नमी ऊपर तक जाने का खतरा है जिससे धान ख़राब हो सकता है।
सोमवार रात से हो रही बारिश के बाद रायपुर से सरगुजा बिलासपुर बस्तर सभी जगह के धान खरीदी केन्द्रों अधिकांश केन्द्रों में धान भीग गया है। लेकिन केन्द्रों में लगे कर्मचारी बरसते पानी के बीच भी धान को बचाने कैप कवर लगा रहे हैं।
खाद्य मंत्री ने धान खरीदी केन्द्रो का लिया जायजा
बीते दिनों हो रहे भरी बारिश के बाद छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मंदिरहसौद, जरौज, नारा, गोढ़ी, दोंदेकला, बंगोली और आरंग के धान खरीदी केन्द्रों का जायजा लिया। जिस दौरान मंत्री को धान बारिश में भींगते नजर आया। जहाँ धान को भीगता देख मंत्री ने नाराज होकर आननफ़ानन में 6 समिति प्रबंधक को निलंबित कर दिया और वहीँ जिला विपणन अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है।
बीते 24 घंटो में हो रही भारी भारिश के बाद धान खरीदी केंद्रों में धान को भीगने से बचाने के लिए 2399 केन्द्रों में लगभग 4500 से ज्यादा चबूतरे बनाए गए हैं। लेकिन धान को ढकने के लिए कैप कवर अभी तक सभी केंद्रों में नहीं पहुंच पाया हैं और अचानक बारिश हो गई है। इस वजह से हजारों टन खुला धान खतरे में आ गया है। जिससे राज्य शासन की चिंता बढ़ गई है।