छत्तीसगढ़
मुस्लिम युवाओं ने पेश की मिशाल, हिन्दू युवक का किया अंतिम संस्कार
गरियाबंद। हिन्दू युवक का अंतिम संस्कार कर मुस्लिम समाज के युवाओं ने मानवता की मिशाल पेश की है ।कोरोना संक्रमण के चलते गांव के अन्य लोगों ने मदद नहीं की| मृतक के पिता बुजुर्ग है और वह भी बीमार है. घर में छोटा भाई है, जो दिव्यांग है| इस असमर्थता के चलते परिवरा अंतिम संस्कार नहीं कर पाया । जब इसकी सूचना मुस्लिम समाज मिली तो उन्होंने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया, जिसे पीड़ित परिवार ने स्वीकार कर लिया|
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दरअसल गरियाबंद आमदी पारा निवासी 40 वर्षीय लोकेश जामरे की मौत बुधवार की रात करीबन 3 बजे हो गई।लोकेश कोरोना संक्रमित थे और होमा इसोलेशन में रहते हुए उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई, रात 2 बजे किसी तरह कोविड अस्पताल तक लाया गया. लेकिन ऑक्सीजन लेबल कम होने के कारण इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. घर में पुरुष सदस्य के रूप में बुजुर्ग पिता खोलबहारा व दिव्यांग छोटे भाई दीपक ही है. परिवार के सभी सदस्य बीमार है।
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मिली जानकरी के मुताबिक मोहल्ले में भी 8 से 10 परिवार संक्रमित थे. पिता व भाई कुछ घण्टों तक अंतिम संस्कार के लिए प्रयास करते रहे पर नाकाम थे। ऐसे में इनकी समस्या मुस्लिम समाज के उन युवाओं के समूह तक पहुंची, युवाओं ने आगे आकर अंतिम संस्कार का प्रस्ताव रखा। मृतक लोकेश के परिजनों ने लिखित सहमति दे दिया|
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जिसके बाद मुस्लिम जमात के युवा ताहिर खान, जुनैद खान, सफीक रजा, सन्नी मेमन समेत समाज के दर्जनभर युवक के अलावा हेमंत सांग ने मिलकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की। युवाओं ने पीपीई किट पहन कर कोविड प्रोटोकॉल का तहत मालगांव नदी घाट इलाके में शासन द्वारा चिन्हाकित स्थल पर अंतिम संस्कार किया. इस नेक काम में अरबाज खान, हैदर अली,साजिद खान,आसिफ खान,दादू अली व सर्वर खान की भी अहम भूमिका रही है.
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सुपुर्दे खाक के लिए बनाई है युवाओं की टोली
टीम के प्रमुख ताहिर खान ने बताया कि कोरोना से लगातार मौते हो रही है. समय पर परिजन भी इस मुसीबत की घड़ी में खड़े नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में मुस्लिम जमात में घटना घटित होने पर सुपुर्दे खाक में सहयोग के लिए युवाओं की टीम बनी हुई है. गुरुवार को मुस्लिम समाज की मेहरून निशा की मौत हो गई, दो दिन पहले उनके पति की मौत हुई थी|
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युवाओं की टीम ने अब तक 10 से भी ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया है जिसमें हिन्दू रीति रिवाज से आज पहले शव का अंतिम संस्कार किया है. विपत्ति के समय में मुस्लिम जमात के युवाओं की इस पहल की चारो ओर तारीफ हो रही है।
मुस्लिम युवाओं ने पेश की मिशाल, हिन्दू युवक का किया अंतिम संस्कार
गरियाबंद। हिन्दू युवक का अंतिम संस्कार कर मुस्लिम समाज के युवाओं ने मानवता की मिशाल पेश की है ।कोरोना संक्रमण के चलते गांव के अन्य लोगों ने मदद नहीं की| मृतक के पिता बुजुर्ग है और वह भी बीमार है. घर में छोटा भाई है, जो दिव्यांग है. इस असमर्थता के चलते परिवरा अंतिम संस्कार नहीं कर पाया । जब इसकी सूचना मुस्लिम समाज मिली तो उन्होंने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया, जिसे पीड़ित परिवार ने स्वीकार कर लिया|
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