छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ मे लगातार बढ़ती जा रही एनीमिया से पीड़ित मरीजों की संख्या, जानिए क्या हैं लक्षण और कैसे करें उपचार… 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हर वर्ष एनीमिया से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। यहां तक कि नेशनल हेल्थ सर्वे रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ है। भारत में पुरुषों की तुलना में अधिकतर महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त हैं।
जानकारी के अनुसार, भारत में 80% से ज्यादा गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त हो चुकी हैं। वहीं, अगर छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां 51% गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। 6 महीने से 5 वर्ष के आयु तक 67.2% बच्चे प्रदेश में एनीमिया से पीड़ित हैं। इस कारण से पिछले 3 साल में कुपोषण के चलते प्रदेश में 25000 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है।
जानिए आखिर क्या होता है एनीमिया
एनिमिया का मतलब होता है शरीर में खून की कमी। हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन नामक एक ऐसा तत्व मौजूद होता है, जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12% से 16%, महिलाओं में 11% से 14% के बीच होनी चाहिए। बता दें कि भारत में 80% से ज्यादा गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के कलेक्टरों को कुपोषण, गर्भवती महिलाओं का सुपोषण सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है।
महिलाओं में गंभीर बीमारी को लेकर शत-प्रतिशत जांच और गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र में ज्यादा से ज्यादा सुविधा उपलब्ध कराई जाएं। अगर आवश्यकता हो तो गर्भावस्था के दौरान यदि किसी महिला को किसी भो प्रकार की दिक्कत हो रही है तो प्राथमिक तौर पर उसका इलाज करें।
एनीमिया के मरीजों में हार्ट फेल होने के चांस ज्यादा
अंबेडकर हॉस्पिटल स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. ज्योति जायसवाल ने जानकारी दी कि जब खून में हीमोग्लोबिन की कमी होती है, तब उसे हम एनीमिया कहते हैं। एनीमिया माइल्ड , मॉडरेट और सीवियर तीनों तरह का हो सकता है। हिंदुस्तान के लोगों में माइल्ड एनीमिया बहुत कॉमन हो चुका है। कभी भी इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
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भारत में बहुत ज्यादा एनीमिया के मरीज देखने को मिलते हैं, इसके कई वजह हैं। पोषण संबंधी या फिर अन्य कारणों की वजह से ही एनीमिया के मरीज ज्यादा देखने को मिलते हैं। वहीं अगर अस्पताल की बात करें तो यहां मॉडरेट और सीवियर एनीमिया के मरीज भी बहुत ज्यादा देखने को मिलते हैं।
इन सबमें सबसे ज्यादा गंभीर बात यह है कि सीवियर एनीमिया के पेशेंट के मरीजों में हार्ट फैलियर होने का चांस काफी ज्यादा रहते हैं। यदि किसी व्यक्ति को सीवियर एनीमिया है और उसके शरीर पर काम का बोझ या फिर अगर कोई महिला है तो प्रेग्नेंसी का बोझ पड़ता है तो इससे हार्ट फेलियर होने के चाँसेस् ज्यादा होते हैं।
जानिए क्या हैं एनीमिया के लक्षण: 
• नाखून और पलकों के अंदर सफेदी
• कमजोरी, बहुत ज्यादा थकान
• चक्कर आना
• बेहोश होना
• सांस फूलना
• हृदय गति का तेज होना
• त्वचा का सफेद दिखना
ये हैं एनीमिया की वजह
• शरीर में आयरन की कमी
• मलेरिया के बाद लाल रक्त कण नष्ट हो जाना
• पेट में अल्सर
• पेट के कीड़ों और परजीवियों के कारण खूनी दस्त लगना
एनीमिया हो तो करें ये उपचार
• जिन सब्जियों में भरपूर आयरन हो उसे ग्रहण करें
• विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘सी’ युक्त सब्जियों का सेवन करें
• काली चाय और कॉफी पीने से बचें
•संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छ पानी का प्रयोग करें
• खाना लोहे की कढ़ाई में बनाएं

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