देश में कठोर जनसंख्या नीति लाने के लिए राज्यसभा में भाजपा के तीन सांसदों ने एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है। भाजपा सांसदों सुब्रमण्यम स्वामी, हरनाथ सिंह यादव और अनिल अग्रवाल द्वारा पेश किए गए इस बिल में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए जाने का सुझाव दिया है। वहीं, 2 से ज्यादा बच्चा पैदा करने पर सरकारी नौकरी छीनने और मतदान करने, चुनाव लड़ने और राजनीतिक पार्टी बनाने के अधिकार को समाप्त कर देने की बात भी कही गई है। अगर सभापति से अनुमति मिलती है तो इस बिल पर संसद के इसी सत्र में चर्चा हो सकती है।
बिल में क्या प्रावधान
जनसंख्या नियंत्रण बिल के तौर पर लाए जा रहे इस प्रस्ताव में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। उदाहरण के रूप में अगर कोई दंपती एक बच्चे के जन्म के बाद ऑपरेशन करा लेता है (और दूसरा बच्चा न पैदा करने की बात कहता है) तो ऑपरेशन कराने वाले पति या पत्नी को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। इसके अलावा इस एक बच्चे के लड़का होने पर 50 हजार रुपये और लड़की होने पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
इसके अलावा इस बच्चे को पढ़ाई के समय केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन, मेडिकल-इंजीनियरिंग या मैनेजमेंट जैसे व्यावसायिक कोर्स करने के दौरान प्राथमिकता के साथ प्रवेश और फीस में माफी प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। बिल में कहा गया है कि अगर कोई दंपती दो बच्चा पैदा करता है तो उसके लिए कोई अतिरिक्त छूट या लाभ नहीं दिया जाएगा।
मसौदे के अनुसार, अगर कोई दंपती सरकारी नौकरी में है और इसके बाद भी वह तीन बच्चा पैदा करता है तो उसकी सरकारी नौकरी खत्म कर दी जानी चाहिए। इसके अलावा ऐसे दंपती को वोट देने, राजनीतिक पार्टी बनाने या पंचायत से लोकसभा स्तर तक किसी भी प्रकार का चुनाव लड़ने, या इन संस्थाओं के लिए नामांकित किए जाने के अधिकार पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। तीन से अधिक बच्चा पैदा करने वालों को किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी न देने, सरकारी या प्राइवेट कंपनियों में ग्रेड-1 से ग्रेड-4 स्तर तक कोई नौकरी न दिए जाने का कठोर सुझाव दिया गया है।
CM योगी कल जारी करेंगे यूपी के लिए नई जनसंख्या नीति
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर योगी सरकार ने फॉर्मूला तैयार कर लिया है, जिसके तहत जिनके पास दो से अधिक बच्चे होंगे, वे न तो सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे और न ही कभी चुनाव लड़ पाएंगे। दरअसल, उत्तर प्रदेश की राज्य विधि आयोग ने सिफारिश की है कि एक बच्चे की नीति अपनाने वाले माता पिता को कई तरह की सुविधाएं दी जाएं, वहीं दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को सरकारी नौकरियों से वंचित रखा जाए। इतना ही नहीं, उन्हें स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने समेत कई तरह के प्रतिबंध लगाने की सिफारिश इस प्रस्ताव में की गई है।
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