Bengal Election results : पश्चिम बंगाल में BJP के दहाई अंकों में सिमट जाने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर चुनावी प्रबंधन का काम छोड़ने की बात सामने आ रही है आज बंगाल चुनाव के घोषित नतीजों में उनका दावा सही साबित हुआ है लेकिन फिर भी उन्होंने ऐलान किया है कि वह अब चुनावी प्रबंधन को छोड़ कर कुछ और करना चाहते हैं।
TMC के चुनावी रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के चुनावी रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर ने चुनाव प्रबंधन का अपना पेशा छोड़ने का फैसला किया है। गौरतलब है कि उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी की चुनावी रणनीतियां तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। इसी के बलबूते ममता बनर्जी की एक बार फिर सत्ता में वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
प्रशांत किशोर ने रविवार को कहा कि वह इलेक्शन मेनेजमेंट छोड़ रहे हैं क्योंकि अब वह कुछ और करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि वह पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अपने चुनावी प्रबंधन में लड़े गए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और डीएमके की जीत से काफी खुश हैं। इसके अलावा उनका यह दावा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सीटें सिर्फ दहाई अंकों में सिमट जाएगी , इस बात के भी सच साबित होने से उन्हें काफी खुशी है।
किशोर का दावा सही साबित हुआ
प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे सामने आने से पहले दावा किया था कि अगर बीजेपी 100 से ज्यादा सीटें लेकर आती है तो वह अपना काम छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी की सीटें दहाई अंकों में ही सिमटकर रह जाएंगी। 2 मई यानी कि आज सामने आए रुझानों में प्रशांत किशोर का दावा सही साबित हुआ। बीजेपी को 73 सीटों में ही सिमट कर रह गई। उन्होंने ने कहा कि उनका यह दावा सही होने के बाद भी वह अब इस क्षेत्र में और काम नहीं करना चाहते।
बीजेपी बंगाल में 100 से ज्यादा सीटें जीती
प्रशांत किशोर ने कहा था कि अगर बीजेपी बंगाल में 100 से ज्यादा सीटें जीती, मैं नौकरी छोड़ दूंगा, मैं आईपीएसी (IPAC) भी छोड़ दूंगा। मैं कुछ और करूंगा लेकिन ये नहीं। मैं यह काम छोड़ दूंगा और आप मुझे आगे किसी और राजनीतिक अभियान के लिए काम करते नहीं देखेंगे। उन्होंने कहा था, ‘बंगाल में मेरे पास कोई एक्सक्यूज नहीं है और दीदी ने मुझे मेरे काम में काफी आजादी दी है जैसा मैं चाहता था। अगर मैं बंगाल हारा, मैं यह मान लूंगा कि मैं इस जॉब के लिए फिट नहीं हूं।’
आयोग की भूमिका को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कारण भी गिनाए। PK ने कहा कि चाहे धर्म के इस्तेमाल का मामला हो, चुनाव तारीखों की बात हो, या दोनों तरफ के लोगों पर कानून के इस्तेमाल की बात हो, पूरी तरह से पक्षपात किया गया। पीके ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी को जिताने के लिए हम मुमकिन काम किया और आयोग ने बीजेपी की बी टीम की तरह काम किया।
चुनाव आयोग पर वार
पीके ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में आठ चरण में चुनाव कराने का सिर्फ एक ही मकसद था ताकि बीजेपी नेताओं को चुनाव प्रचार का ज्यादा से ज्यादा मौका मिल सके. पीके ने कहा, ”हर 20-30 सीट पर चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने पीएम और गृहमंत्री समेत तमाम नेताओं को वक्त दिया ताकि वो बीजेपी के लिए प्रचार कर सकें।”
बीजेपी की ‘बी टीम’ बताया
आप को बता दें की उन्होंने बंगाल में टीएमसी की जीत और बीजेपी की हार से लेकर चुनाव आयोग की भूमिका जैसे तमाम बड़े सवालों पर भी जवाब दिए. उन्होंने ने चुनाव आयोग पर तीखे हमले करते हुए उसे बीजेपी की ‘बी टीम’ बताया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि इतना पक्षपात करने वाला चुनाव आयोग मैंने कभी नहीं देखा. सब पार्टियों को साथ आना चाहिए और आयोग पर रिफॉर्म के लिए दबाव बनाना चाहिए।